शिमला: हिमाचल विधानसभा के कल मंगलवार से शुरू होने जा रहे मानसून सत्र के हंगामेदार रहने के आसार हैं. 10 दिवसीय सत्र के दौरान सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच कई मुद्दों पर तकरार देखने को मिलेगी. विपक्षी दल भाजपा कर्मचारियों की लंबित देनदारियों, बाढ़ से प्रभावित लोगों और मुफ्त बिजली व पानी की योजनाओं को संशोधित करने व सीमेंट बढ़ोतरी के मुद्दे पर कांग्रेस की सुक्खू सरकार को घेरने की कोशिश करेगी. मानसून सत्र को लेकर भाजपा पहले से ही आक्रामक मुद्रा में है. नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने अपने विधायकों को आक्रामक रहने के निर्देश दिए हैं.
दूसरी तरफ सत्तारूढ़ कांग्रेस सरकार विपक्ष के सभी सवालों का जवाब देने को तैयार है. सत्र को लेकर दोनों दल अलग-अलग बैठकें कर रणनीति बनाएंगी. विपक्षी दल भाजपा सोमवार और सत्ताधारी कांग्रेस मानसून सत्र शुरू होने से पहले अपने-अपने विधायकों के साथ बैठकें करेंगे.
मानसून सत्र में करीब 850 सवाल गूंजेंगे. अब तक विधानसभा सचिवालय को 600 तारांकित प्रश्न और 250 अतारांकित प्रश्न मिले हैं. विधायकों ने ऑनलाइन प्रश्न पूछे हैं.
मानसून सत्र 27 अगस्त से 9 सितंबर तक चलेगा. सत्र का आगाज 27 अगस्त को सुबह 11:00 बजे विधानसभा के तीन पूर्व सदस्यों टेकचंद, नारायण सिंह स्वामी और दौलत राम चौधरी के निधन पर शोकोद्गार के साथ शुरू होगा.
मानसून सत्र में पहली बार दिखेगी पति-पत्नी की जोड़ी
मानसून सत्र में पहली बार पति-पत्नी की जोड़ी दिखेगी. मुख्यमंत्री सुक्खू और उनकी पत्नी कमलेश ठाकुर सदन में बैठे नजर आएंगे. कमलेश ठाकुर हाल ही में विधानसभा उपचुनाव जीतकर पहली बार सदन में पहुंची हैं. दरअसल, इसी साल फरवरी महीने में हुए विधानसभा के बजट सत्र में भारी हंगामा हुआ था. मानसून सत्र में कांग्रेस के 40 और भाजपा के 28 सदस्य बजट सत्र के दौरान कांग्रेस के छह बागी विधायकों का निष्कासन हुआ. तीन निर्दलीय विधायकों द्वारा त्यागपत्र दिए गए. इस दौरान प्रदेश में दो उपचुनाव हुए जिसमें मुख्यमंत्री की धर्मपत्नी कमलेश ठाकुर सहित नौ विधायक चुने गए. इनमें कांग्रेस के छह और भाजपा के तीन विधायक शामिल हैं. अब विधानसभा में कोई भी निर्दलीय विधायक नहीं हैं. कांग्रेस के विधायकों की संख्या 40 है जबकि भाजपा के 28 विधायक हैं.
हिन्दुस्थान समाचार