शिमला: एरियर व डीए पर मचे घमासान के बीच कर्मचारियों पर दिए बयान से उनके निशाने पर चल रहे कैबिनेट मंत्री राजेश धर्माणी ने कहा है कि प्रदेश सरकार कर्मचारी हितैषी सरकार है और समय-समय पर कर्मचारियों के हितों में अनेक कल्याणकारी निर्णय लिए गए हैं.
राजेश धर्माणी ने एक बयान में कहा कि प्रदेश सरकार ने मंत्रिमंडल की पहली ही बैठक में पुरानी पेंशन योजना को बहाल करने का क्रांतिकारी निर्णय लिया था ताकि कर्मचारी सेवानिवृत्ति के बाद सम्मानजनक जीवन व्यतीत कर सकें. प्रदेश सरकार कर्मचारियों के साथ हर समय खड़ी रही है और कर्मचारियों के मंहगाई भत्ते और एरियर की मांग को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध है.
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने कर्मचारियों को सात प्रतिशत मंहगाई भत्ता जारी किया है और इस वर्ष 75 वर्ष से अधिक आयु के 28 हजार पेंशन भोगियों को एरियर का भुगतान किया जाएगा.
मंत्री ने कहा कि कर्मचारी वर्ग प्रदेश की अर्थव्यवस्था से भली-भांति परिचित है. मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने आज विभिन्न कर्मचारी संगठनों के बात कर राज्य की वित्तीय स्थिति में सुधार के साथ कर्मचारियों को सभी लाभ जारी करने का आश्वासन दिया है.
मंत्री ने कहा कि पिछली भाजपा सरकार के वित्तीय कुप्रबंधन के फलस्वरूप वर्तमान प्रदेश सरकार को 75 हजार करोड़ रुपये का कर्ज और 10 हजार करोड़ रुपये की बकाया देनदारियां विरासत में मिली. इसके बावजूद प्रदेश सरकार ने कर्मचारियों को वित्तीय लाभ देने सुनिश्चित किए. सरकार के कर्मचारी कल्याण में लिए गए निर्णयों को देखते हुए भाजपा की केंद्र सरकार ने प्रदेश सरकार पर कई बंदिशें लगा दीं. प्रदेश की ऋण सीमा को 6,600 करोड़ रुपये निर्धारित किया गया है और वर्ष 2025-26 के लिए केवल 3500 करोड़ रुपये का राजस्व घाटा अनुदान उपलब्ध होगा.
राजेश धर्माणी ने कहा कि इन तमाम वित्तीय चुनौतियों के बावजूद प्रदेश सरकार प्रदेश का समग्र विकास सुनिश्चित करने का प्रयास कर रही है जिसके लिए कर्मचारियों का सहयोग अपेक्षित है. उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार कर्मचारियों के साथ है और सरकार के दरवाजे वार्ता के लिए सदैव खुले हैं.
हिन्दुस्थान समाचार