शिमला: हिमाचल प्रदेश में राज्यसभा की सीट पर हुए चुनाव के दौरान क्रॉस वोटिंग और सूबे की कांग्रेस सरकार को अस्थिर करने के आरोपों पर तीनों पूर्व विधायकों से पूछताछ का दौर देर शाम तक चला.
यह पहला मौका रहा जब पूर्व विधायक राजेंद्र राणा, देवेंद्र भुट्टो और केएल ठाकुर शुक्रवार को शिमला के बालूगंज थाने में एसआईटी के सवालों का सामना करने पहुंचे. एसआईटी ने इनसे मामले के विभिन्न बिंदुओं को लेकर अलग-अलग पूछताछ की. दिन में करीब 11:30 बजे एसआईटी ने उनसे पूछताछ शुरू की जो शाम करीब 7:30 बजे तक चली. इस तरह लगभग आठ घंटे तक तीनों पूर्व विधायकों से एसआईटी ने सवाल दागे. राजेन्द्र राणा और देवेंद्र भुट्टो कांग्रेस के विधायक रहे हैं और केएल ठाकुर निर्दलीय विधायक थे. इसी साल फरवरी माह में राज्यसभा चुनाव में क्रॉस वोटिंग के बाद इन्होंने भाजपा की सदस्यता ग्रहण की और भाजपा के टिकट पर विधानसभा उपचुनाव लड़े. हालांकि, तीनों को उपचुनाव में शिकस्त का सामना करना पड़ा.
एसआईटी पिछले करीब चार माह से क्रॉस वोटिंग व राज्य सरकार को अस्थिर करने के मामले की तफ्तीश कर रही है. इस दौरान भाजपा विधायक आशीष शर्मा, पूर्व विधायक चौतन्य शर्मा व उनके पिता पूर्व आईएएस राकेश शर्मा, हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के प्रचार सलाहकार रहे तरुण भंडारी से पूछताछ की जा चुकी है. मामले के अनुसार आशीष शर्मा और राकेश शर्मा पर आरोप है कि उन्होंने प्रदेश सरकार को गिराने के लिए षड़यंत्र रचा. राज्यसभा चुनाव में क्रॉस वोटिंग करने वाले तत्कालीन विधायकों के फाइव-सेवन स्टार होटल में ठहरने, खाने-पीने और हेलीकॉप्टर से उन्हें ले जाने का इंतजाम किया. इस मामले में आशीष शर्मा के साथ गगरेट के पूर्व विधायक चौतन्य शर्मा के रिटायर आईएएस पिता राकेश शर्मा के खिलाफ भी बीते 10 मार्च को शिमला के बालूगंज थाना में भ्रष्टाचार उन्मूलन अधिनियम के तहत मामला दर्ज है.
हिन्दुस्थान समाचार