नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुरुवार को पोलैंड के प्रधानमंत्री डोनाल्ड टस्क के साथ सुरक्षा, व्यापार और निवेश सहित द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने पर बातचीत की. इस बातचीत के दौरान दोनों नेताओं ने संबंधों को रणनीतिक साझेदारी के स्तर तक बढ़ाने पर सहमति जताई है. इसके साथ ही आपसी हितों के क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर भी विचारों का आदान-प्रदान किया.
प्रधानमंत्री मोदी और पोलैंड के समकक्ष डोनाल्ड टस्क ने वारसॉ में प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता के बाद संयुक्त संवाददाता सम्मेलन को संबोधित किया. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “मैं खूबसूरत शहर वारसॉ में गर्मजोशी से स्वागत, शानदार आतिथ्य और मैत्रीपूर्ण शब्दों के लिए प्रधानमंत्री टस्क को धन्यवाद देता हूं. आप लंबे समय से भारत के करीबी मित्र रहे हैं. आपने भारत और पोलैंड के बीच मैत्री को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. 2022 में यूक्रेन संघर्ष के दौरान भारतीय छात्रों को बचाने के लिए आपने जो उदारता दिखाई, हम भारतीय उसे कभी नहीं भूलेंगे.”
उन्होंने कहा कि आज का दिन भारत और पोलैंड के संबंधों में विशेष महत्व रखता है. आज 45 साल के बाद किसी भारतीय प्रधानमंत्री ने पोलैंड का दौरा किया है. इस वर्ष हम अपने राजनयिक संबंधों की 70वीं वर्षगांठ मना रहे हैं. इस अवसर पर हमने संबंधों को रणनीतिक साझेदारी में परिवर्तित करने का निर्णय लिया है. भारत और पोलैंड के बीच संबंध लोकतंत्र और कानून के शासन जैसे साझा मूल्यों पर आधारित हैं.
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि हम पोलैंड की कंपनियों को मेक इन इंडिया और मेक फॉर द वर्ल्ड से जुड़ने के लिए आमंत्रित करते हैं. भारत और पोलैंड अंतरराष्ट्रीय मंच पर भी करीबी तालमेल के साथ आगे बढ़ते रहे हैं. हम दोनों सहमत हैं कि वैश्विक चुनौतियों का सामना करने के लिए संयुक्त राष्ट्र संघ तथा अन्य अंतराष्ट्रीय संस्थानों में रिफॉर्म वर्तमान समय की मांग है.
उन्होंने कहा कि जनवरी 2025 में पोलैंड यूरोपीय संघ की अध्यक्षता संभालेगा. उन्होंने विश्वास व्यक्त करते हुए कहा कि पोलैंड का सहयोग भारत और यूरोपीय संघ के बीच संबंधों को और मजबूत करेगा. उन्होंने कहा कि यूक्रेन और पश्चिम एशिया में चल रहे संघर्ष हम सभी के लिए गहरी चिंता का विषय हैं. भारत का यह दृढ़ विश्वास है कि किसी भी समस्या का समाधान युद्ध के मैदान में नहीं हो सकता. किसी भी संकट में मासूम लोगों की जान की हानि पूरी मानवता के लिए सबसे बड़ी चुनौती बन गयी है. हम शांति और स्थिरता की जल्द से जल्द बहाली के लिए संवाद और कूटनीति का समर्थन करते हैं. इसके लिए भारत अपने मित्र देशों के साथ मिलकर हर संभव सहयोग देने के लिए तैयार है.
प्रधानमंत्री माेदी ने कहा कि पोलैंड में इंडोलॉजी और संस्कृत की बहुत पुरानी और समृद्ध परंपरा है. भारतीय सभ्यता और भाषाओं में गहरी रुचि ने हमारे संबंधों की मजबूत नींव रखी है. कोल्हापुर के महाराजा की समाधि पर श्रद्धांजलि अर्पित करने का जिक्र करते हुए मोदी ने कहा कि आज भी पोलैंड के लोग उनकी परोपकारिता और उदारता का सम्मान करते हैं. उनकी स्मृति को अमर बनाने के लिए भारत और पोलैंड के बीच जाम साहब नवानगर यूथ एक्शन प्रोग्राम शुरू किया जाएगा. इसके तहत हर साल पोलैंड से 20 युवाओं को भारत की यात्रा पर ले जाया जाएगा.
हिन्दुस्थान समाचार