उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता को अक्टूबर माह में लागू कराने के लिए जोरदार प्रशासनिक तैयारी चल रही हैं. UCC को लागू कराने के लिए गठित शत्रुघ्र सिंह समिति ने सभी विभागों के लिए गाइड लाइसेंस तैयार कर ली हैं. आपको बता दें की शत्रुघ्र सिंह उत्तराखंड के पूर्व मुख्य सचिव रह चुके हैं. उन्होंने CM पुष्कर सिंह धामी के साथ सभी विभागों की एक बैठक रखी जिसमें विभागीय अधिकारियों द्वारा UCC को लेकर दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं.
कैसे होगा डाटा कलेक्शन?
UCC लागू करते समय राज्य के सभी नागरिकों का एक डेटा बेस एक ऐप के माध्यम से तैयार किया जाएगा. इस ऐप में सभी नागरिकों को अपने परिवार का ब्योरा दर्ज करना होगा. इसमें स्थानिय नागरिकों की पारिवारिक जानकारी जैसे परिवार में संख्या, शिक्षा, व्यवसाय, सरकारी योजनाओं का लाभ आदि को दर्ज किया जाएगा. यह ऐप एक तरह का परिवार रजिस्टर होगा.
सरकार और नागरिक दोनों उठा सकेंगे UCC का लाभ
1. UCC के लागू होने से कानून पालन कराना होगा आसान.
2. स्थानिय नागरिक ऑन लाइन ही दर्ज करा सकेंगे वसीयत, विवाह पंजीकरण, जन्म मृत्यु पंजीकरण आदि सुविधाएं.
3. डेटा दर्ज होने के बाद उत्तराखंड और केंद्र सरकार को भी अपनी योजनाएं, जरूरतमंदों तक पहुंचाने में आसानी हो जायेगी और उससे समय की भी बचत होगी.
4. बाहरी क्षेत्र से उत्तराखंड आए परिवार की भी जानकारी तत्काल शासन-प्रशासन तक पहुंच जाएगी.
5. डेटा ऐप में जानकारी दर्ज ना कराने पर भी मामला प्रकाश में आ जाएगा.
UCC को लेकर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी पहले ही कह चुके हैं कि ये कानून व्यवस्था जनमानस के लिए फ्रेंडली होगी न कि उनकी परेशानियां बढ़ाएगी. उन्होंने कहा कि राज्य स्थापना दिवस से पहले इसे लागू कर दिया जाएगा.
उधर प्रधानमंत्री मोदी भी देश भर में UCC लागू कराने में लग गए हैं. बीजेपी शासित राज्य UCC को लागू करने के लिए उत्तराखंड सरकार से सहयोग लेने की बात भी कर रहे हैं. इसका मतलब यह है की उत्तराखंड में लागू होने वाला समान नागरिक संहिता कानून पूरे देश के लिए एक उदाहरण साबित होगा. ऐसे में उत्तराखंड UCC का महत्व भी बढ़ जाएगा.