देहरा: मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने 78वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर कांगड़ा जिला के देहरा में राज्य स्तरीय समारोह में राष्ट्रीय ध्वज फहराया. उनके साथ उनकी पत्नी विधायक कमलेश ठाकुर भी मौजूद रहीं. कमलेश ठाकुर देहरा से ही विधायक हैं.
मुख्यमंत्री ने स्वतंत्रता दिवस के मौके पर 75 साल से ज्यादा उम्र के सभी पेंशनरों का एरियर एकमुश्त चुकता करने की घोषणा की. इससे राज्य के विभिन्न विभागों से रिटायर्ड लगभग 30 हजार पेंशनर लाभान्वित होंगे. मुख्यमंत्री ने कहा दूसरे कर्मचारियों व पेंशनर का एरियर भी चरणबद्ध ढंग से चुकता किया जाएगा.
गौरलब है कि प्रदेश में कर्मचारियों और पेंशनरों का नए वेतनमान का एरियर एक जनवरी 2016 से तय है. मगर खजाना खाली होने की वजह से सरकार इसका भुगतान नहीं कर पा रही है. सरकार पर कर्मचारियों-पेंशनरों की 10 हजार करोड़ से ज्यादा की देनदारी है. पूर्व भाजपा सरकार के समय से यह देनदारियां लंबित हैं.
इसके अलावा मुख्यमंत्री सुक्खू ने पत्नी के देहरा विधानसभा क्षेत्र में अधीक्षण अभियंता इलेक्ट्रिसिटी, जल शक्ति और ब्लॉक मेडिकल ऑफिस खोलने की भी घोषणा की.
हालांकि हिमाचल के पौने दो लाख कर्मचारियों और 75 साल से कम उम्र के लगभग एक लाख पेंशनर जो एरियर व डीए मिलने की आस लगाए थे, उन्हें मायूसी हाथ लगी है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि हिमाचल गंभीर आर्थिक चुनौतियों से जूझ रहा है. पिछली सरकार ने कुछ ऐसे फैसले लिए, जिससे प्रदेश पर हजारों करोड़ रुपए का अतिरिक्त बोझ पड़ा. राजनीतिक फायदे के लिए साधन संपन्न परिवारों की बिजली-पानी मुफ्त की गई. बिजली बिल से 780 और पानी के बिल मुफ्त करने से 300 करोड़ हर साल का बोझ पड़ा है.
इससे पूर्व मुख्यमंत्री सुक्खू ने देश के लिए बलिदान देने वाले वीर सपूतों को याद करते हुए भाषण की शुरुआत की.
उन्होंने कहा हिमाचल सरकार को धनबल के सहारे गिराने के लिए षड्यंत्र रचे गए. प्रदेश पर उपचुनाव का बोझ पड़ा. इससे 4 महीने तक विकास कार्य प्रभावित हुए. मगर जनता ने धनबल को हराकर जनबल का साथ दिया और आज फिर से प्रदेश में कांग्रेस की स्थिर सरकार काम कर रही है.
20 माह में 31 हजार पद किये सृजित
मुख्यमंत्री ने कहा कि पर्यटन क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए कई कदम उठाए हैं. प्रदेश में 16 हेलीपोर्ट बनाए जा रहे हैं. प्रदेश में रोपवे निर्माण को गति दी जा रही है. बेहतर यातायात सेवाओं के लिए एचआरटीसी को 517 करोड़ दिए गए हैं. 20 माहिने में 31 हजार पद सृजित किए हैं. पूर्व सरकार ने 5 साल में केवल 20 हजार नौकरियां दी थी. जिनमें से ज्यादातर कानूनी दांव पेंच में उलझी रही.
उन्होंने कहा कि बागवानी क्षेत्र का प्रदेश की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान है. इस साल सेब पैकिंग के लिए यूनिवर्सल कार्टन अनिवार्य किया गया. एमआईएस योजना के तहत 153 करोड़ रुपए बागवानों को दिए गए हैं. जिनमें 90 करोड़ की देनदारी केवल भाजपा सरकार की थी.