शिमला: पूर्व मुख्यमंत्री एवं नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने प्रदेश की सुक्खू सरकार द्वारा पुलिस कर्मियों को मिल रही एचआरटीसी की सुविधा को वापस लेने के फैसले की आलोचना करते हुए उसे वापस लेने की मांग की है. उनका कहना है कि शासकीय कार्यों से बस की यात्रा करने के बदले सभी पुलिस कर्मी हर महीनें अपने वेतन से सरकार द्वारा निर्धारित धनराशि कटवाते हैं. इसके बाद भी कहा जा रहा है कि वह मुफ्त यात्रा कर रहे हैं. सरकार की तरफ से इससे शर्मनाक बयान नहीं हो सकता है.
जयराम ठाकुर ने एक बयान में कहा कि जो पुलिस बल हर साल एचआरटीसी को पांच करोड़ रुपये का आर्थिक सहयोग कर रहा है. उसी पर सरकार में बैठे लोगों द्वारा अशोभनीय टिप्पणियाँ की जा रही हैं. जैसे पुलिस बल बिना किसी कार्य के ही बसों में यात्रा करता है.
उन्होंने कहा कि सरकार के मंत्रियों द्वारा पुलिस बल के लिए मुफ्त यात्रा और एचआरटीसी का ‘मिसयूज़’ जैसे शब्दों का प्रयोग किया गया. यह आपत्तिजनक है, इसके लिए सरकार को माफ़ी मांगनी चाहिए. अगर सरकार को राजस्व बचाना और बढ़ाना है तो वह अपने सलाहकारों की फौज और मनमर्जी से बांटे गये कैबिनेट रैंक पर भी गौर करे.
जयराम ठाकुर ने कहा कि पुलिस बल की कार्य विविधताओं को देखते हुए सरकार द्वारा एचआरटीसी में अनुदानित यात्रा करने का प्रबंध किया गया. पुलिस द्वारा सरकारी काम से बहुतायत यात्राएं करनी पड़ती है. आपात सेवाओं में शामिल के कारण उन्हें 24 घंटें में कभी भी सेवाएं देनी पड़ती हैं. कभी किसी मुलजिम के लिए समन ले जाना, कभी किसी अपराधी को इधर-उधर ले जाना. ज़िलों से तबादलों के बाद भी साक्ष्य में अलग-अलग जिलों में जाना, रिटायर होने के बाद भी कोर्ट के चक्कर लगाने पड़ते हैं. इनमें से एक भी निजी काम निजी है. इन कामों के लिए सरकार कितने पैसे पुलिस कर्मियों को देती है. एक निर्धारित धनराशि लेकर बसों में यात्रा करने को सरकार द्वारा इस तरह मुद्दा बनाया जा रहा है. जो बेहद अपमानजनक है.
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि सरकार चाहे तो सर्वे करवा ले पुलिस बल का एक बड़ा हिस्सा बस सेवाओं का इस्तेमाल कभी नहीं करता है. इसके बाद भी वह हर महीनें सरकार द्वारा निर्धारित की गई धनराशि अपने वेतन से कटवाता है. लेकिन किसी पुलिस कर्मी ने इस कटौती का विरोध नहीं किया.
हिन्दुस्थान समाचार
ये भी पढ़ें: हिमाचल सरकार निराश्रितों को देगी हर सुविधा, स्वास्थ्य मंत्री का बयान