शिमला: राजधानी शिमला में स्क्रब टाइफस से पहली मौत हुई है. आई.जी.एम.सी. में पहली जून से अब तक करवाए गए 301 टैस्टों में 44 लोग पॉजीटिव आ चुके हैं, जिसमें से कसुम्पटी के 91 वर्षीय व्यक्ति की मौत हो गई है. यह 29 जुलाई को तेज बुखार होने पर भर्ती हुए थे और 2 अगस्त को यह स्क्रब टाइफस पॉजीटिव पाए गए थे. इन्हें आई.सी.यू. में रखा गया था, लेकिन बुधवार को इन्होंने दम तोड़ दिया है.
आई.जी.एम.सी. के एम.एस.डा.राहुल राव ने कहा कि जुलाई से सितम्बर महीने में सभी जगह स्क्रब टाइफस के रोगी आते है और शिमला में इस वर्ष की इस बीमारी से पहली मौत हुई है. उन्होंने कहा कि स्क्रब टाइफस एक जीवाणु से संक्रमित पिस्सू के काटने से फैलता है, जो खेतों, झाड़ियों व घर के आसपास घास में रहने वाले चूहों में पनपता है. जीवाणु चमड़ी के माध्यम से शरीर में फैलता है और स्क्रब टाइफस बुखार बन जाता है.
स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि लोगों को ऐहतियात बरतनी चाहिए और इसके लक्षण दिखने पर तुरंत स्थानीय अस्पताल में इलाज करवाना चाहिए. खेतों में काम करते समय शरीर खासकर टांगे, पांव व बाजू ढककर रखें. घर के आसपास घास, खरपतवार न उगने दें. पिस्सू के काटने से शरीर में जलने जैसा एक निशान भी बन जाता है. उन्होंने लोगों से अपील की है कि लक्षण नजर आने पर तुरंत अपने डाक्टर से परामर्श लें.
हिन्दुस्थान समाचार