शिमला: मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा है कि प्रदेश में आगामी छह माह में लगभग 50 मेगावाट सौर ऊर्जा का दोहन सुनिश्चित किया जाएगा. ऊना जिले के पेखुबेला में 32 मेगावाट की सौर ऊर्जा परियोजना स्थापित की गई है और कुटलैहड़ विधानसभा क्षेत्र में 10 मेगावाट और गगरेट विधानसभा क्षेत्र में 5 मेगावाट की सौर ऊर्जा परियोजनाएं निर्माणाधीन हैं.
मुख्यमंत्री ऊर्जा विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक में सौर ऊर्जा उत्पादन की समीक्षा कर रहे थे. उन्होंने अधिकारियों को सौर ऊर्जा परियोजनाओं के कार्य में तेजी लाने और समयबद्ध पूर्ण करने के साथ-साथ नई परियोजनाओं के लिए स्थान चिन्हित करने के निर्देश दिए. सुक्खू ने कहा कि सौर ऊर्जा उत्पादन के क्षेत्र में प्रदेश के लोगों को प्रोत्साहित किया जा रहा है ताकि इन परियोजनाओं से प्रदेश के लोग आजीविका कमा सके. उन्होंने कहा कि यह परियोजनाएं बोनाफाइड हिमाचलियों को आवंटित की जाएगी और प्रदेश के लोगों को सौर ऊर्जा परियोजनाएं स्थापित करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा.
मुख्यमंत्री ने कहा कि बिजली की मांग में निरन्तर वृद्धि हो रही है, इसलिए जल विद्युत के साथ-साथ सौर ऊर्जा का अधिकतम दोहन सुनिश्चित किया जा रहा है. सौर ऊर्जा पर्यावरण हितैषी और ऊर्जा का नवीकरणीय साधन है. इससे कार्बन उत्सर्जन में कमी और जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता को कम किया जा सकता है. सौर ऊर्जा परियोजनाओं का रख-रखाव आसानी से किया जा सकता है और इनका जीवनकाल भी लम्बा होता है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि हिमाचल प्रदेश को 31 मार्च, 2026 तक हरित ऊर्जा राज्य के रूप में स्थापित करने के लक्ष्य की प्राप्ति के लिए प्रदेश सरकार हरित उद्योगों को बढ़ावा प्रदान कर रही है. उन्होंने कहा कि वर्तमान में जलवायु परिवर्तन विश्व की सबसे बड़ी चुनौती है और प्रदेश सरकार हरित पहल के माध्यम से ग्लोबल वार्मिंग के प्रभावों को कम करने की दिशा में कार्य रही है. प्रदेश सरकार ई-वाहनों के संचालनों को बढ़ावा प्रदान कर रही है और हिमाचल पथ परिवहन निगम की बसों को इलेक्ट्रौनिक बसों के बेडे में परिवर्तित किया जा रहा है.
हिन्दुस्थान समाचार