संसद में आज गुरुवार को अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू ने वक्फ अमेंडमेंट बिल 2024 लोकसभा में पेश कर दिया है. इस बिल पर कांग्रेस और सपा सांसदों ने आपत्ति जताई है. विपक्ष की ओर से केसी वेणुगोपाल ने इस पर आपत्ति जाहिर करते हुए कहा है कि ये संविधान की ओर से दिए धर्म और फंडामेंटल राइट्स पर हमला है. विपक्ष ने इस बिल को संविधान के खिलाफ बताया है.
दरअसल, केंद्र सरकार ने वक्फ अधिनियम, 1995 में संशोधन के लिए वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024 पेश किया है. विधेयक का उद्देश्य राज्य वक्फ बोर्डों की शक्तियों, वक्फ संपत्तियों के पंजीकरण, सर्वेक्षण और अतिक्रमण हटाने से संबंधित मुद्दों को प्रभावी ढंग से संबोधित करना है.
कांग्रेस सांसद केसी वेणुगोपाल ने वक्फ बिल पर आपत्ति जताते हुए कहा कि “…हम हिंदू हैं लेकिन साथ ही, हम अन्य धर्मों की आस्था का भी सम्मान करते हैं. यह विधेयक महाराष्ट्र, हरियाणा चुनावों के लिए विशेष है. आप यह नहीं समझते कि पिछली बार भारत के लोगों ने आपको स्पष्ट रूप से सबक सिखाया था. यह संघीय व्यवस्था पर हमला है…”
लोकसभा में बिल का समर्थन करते हुए जेडीयू सांसद और केंद्रीय मंत्री राजीव रंजन उर्फ ललन सिंह ने कहा, “यह मुसलमानों के खिलाफ कैसे है? यह कानून पारदर्शिता लाने के लिए बनाया जा रहा है…विपक्ष इसकी तुलना मंदिरों से कर रहा है.” वे मुख्य मुद्दे से भटक रहे हैं…केसी वेणुगोपाल (कांग्रेस) को बताना चाहिए कि हजारों सिख कैसे मारे गए…किस टैक्सी ड्राइवर ने इंदिरा गांधी की हत्या की…अब, वे अल्पसंख्यकों के बारे में बात कर रहे हैं…”
ललन सिंह ने आगे कहा कि आपके मस्जिद को छेड़छाड़ करने का प्रयास नहीं किया जा रहा है, यह एक कानून से बना हुआ संस्था है, उस संस्ता को पारदर्शी बनाने के लिए कानून बनाया जा रहा है, कानून से बना कोई भी संस्ता निरंकुश होगा, तो उसमें सरकार को हक है कानून बनाने का. उन्होंने कहा कि कोई भी संस्था पारदर्शिता से काम करे यही इस बिल का लक्ष्य है.