शिमला: राज्यसभा सांसद डॉ. सिकंदर कुमार ने आज बजट सत्र के दौरान मंगलवार को संसद में हिमाचल से जुड़े मुद्दे उठाए. उन्होंने केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री से पूछा कि हिमाचल प्रदेश में कितने राज्य कैंसर संस्थानो (एससीआई) और तृतीयक देखभाल कैंसर केन्द्रो को स्वीकृति प्रदान की गई है ? कैंसर रोगियों के लिए कुल कितनी निधि स्वीकृत की गई है और क्या केन्द्र सरकार को हिमाचल प्रदेश में कैंसर अस्पताल स्थापित करने के लिए राज्य से प्रस्ताव प्राप्त हुआ है ? तथा देशभर में आर्थिक समस्याओं और सांस्कृतिक अवरोधों का सामना कर रहे ग्रामीण पृष्ठभूमि के रोगियों के लिए विशेषरूप से किफायती मूल्य पर कैंसर देखभाल सुविधाएं/चिकित्सा इकाइयां स्थापित करने के लिए सरकार द्वारा क्या कदम उठाए गए हैं ?
केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री प्रतापराव जाधव ने बताया कि स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग, केन्द्र द्वारा प्रायोजित राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) के तहत राष्ट्रीय गैर-संचारी रोगों की रोकथाम और नियंत्रण कार्यक्रम (एनपी-एनसीडी) योजना के तहत कैंसर की विशिष्ट परिचर्या हेतु सुविधाओं को बढ़ाने के लिए विशिष्ट परिचर्या कैंसर सुविधा केन्द्र योजना को सुदृढ़ करने हेतु कार्यान्वयन कर रहा है.
उन्होंने बताया कि इस योजना के तहत राज्य कैंसर संस्थान (एससीआई) हेतु 120 करोड़ रुपये तक और विशिष्ट कैंसर परिचर्या केन्द्र (टीसीसीसी) के लिए 45 करोड़ रू0 तक की वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है जिसमें राज्य का हिस्सा भी शामिल है। केन्द्र और राज्य के बीच निधि साझा करने का अनुपात 60ः40 है जबकि पूर्वोत्तर और पर्वतीय राज्यों के लिए यह अनुपात 90ः10 है.
उन्होंने बताया कि हिमाचल प्रदेश राज्य के हिस्से सहित 45 करोड़ रू0 की लागत से दो विशिष्ट परिचर्या कैंसर केन्द्र इंदिरा गांधी मैडिकल काॅलेज, शिमला तथा श्री लाल बहादुर शास्त्री मैडिकल कॉलेज, मण्डी स्वीकृत किए गए हैं.
उन्होनें आगे बताया कि कैंसर के किफायती उपचार की सुविधा के लिए केन्द्र सरकार द्वारा कई कदम उठाए गए हैं जैसे कैंसर के मरीज जिला अस्पतालों, मैडिकल कॉलेजों, एम्स जैसे केन्द्रीय संस्थानों और निजी क्षेत्र के अस्पतालों सहित विभिन्न स्वास्थ्य सुविधा केन्द्रों में इलाज करा रहे हैं। सरकारी अस्पतालों में दिया जाने वाला इलाज या तो मुफ्त है या किफायती है.
उन्होंने कहा कि आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत तीन प्रमुख ऑन्कोलॉजी-मेडिकल, सर्जिकल और रेडिएशन के तहत कैंसर से संबंधित उपचार भी उपलब्ध है। राष्ट्रीय आरोग्य निधि और स्वास्थ्य मंत्री विवेकाधीन अनुदान की छत्रक योजना के तहत गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले परिवारों से संबंधित गरीब रोगियों को वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है जो कैंसर सहित प्रमुख जीवन घातक बीमारियों से पीडि़त हैं। स्वास्थ्य मंत्री विवेकाधीन अनुदान के तहत उपचार लागत के एक हिस्से को चुकाने के लिए अधिकतम 1,25,000 रू0 तक की वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है तथा राष्ट्रीय आरोग्य निधि की छत्रक योजना के तहत प्रदान की जाने वाली अधिकतम वित्तीय सहायता 15 लाख रू0 है.
डॉ. सिकंदर ने कहा कि देशवासियों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं देने के लिए केन्द्र सरकार प्रतिबद्ध है और 2014 के बाद केन्द्र सरकार के सार्थक प्रयासों से स्वास्थ्य क्षेत्र में क्रांतिकारी परिवर्तन देखने को मिले हैं. उन्होनें आशा व्यक्त की है कि केन्द्र सरकार आगे भी देशवासियों के लिए सरल, सुलभ और अत्याधुनिक स्वास्थ्य सुविधाएं देने के लिए निरंतर कार्य करती रहेगी.
हिन्दुस्थान समाचार