नई दिल्ली: पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को लेकर भारत आया बांग्लादेशी वायुसेना का विमान लौट गया है. करीब 16 घंटे बिताने के बाद बांग्लादेशी वायुसेना के सी-130 विमान ने मंगलवार को सुबह 9 बजे के करीब हिंडन एयरबेस से उड़ान भरी. विमान के साथ बांग्लादेश के सात वायुसैनिक भी शेख हसीना को हिंडन एयरबेस पर छोड़कर अपने वतन लौट गए. यह विमान सोमवार को शाम 5 बजकर 36 बजे बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री को लेकर हिंडन एयरबेस पर उतरा था और तभी से यहीं पर लैंड था. इसके बाद से सुरक्षा एजेंसियों ने सुरक्षा और कड़ी कर दी है.
फिलहाल शेख हसीना उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में वायुसेना के एयरबेस हिंडन के सेफ हाउस में हैं और मंगलवार की रात भी यहीं गुजारी. उनकी सुरक्षा की जिम्मेदारी वायुसेना के गरुड़ कमांडो को सौंपी गई है. इसके साथ ही कई स्तरीय पुलिस और सुरक्षा बलों को तैनात किया गया है. सुरक्षा के मद्देनजर एनएसए अजीत डोभाल पल-पल की जानकारी ले रहे हैं. हिंडन एयरबेस पर उन्हें हर तरह की सुविधाएं देने की व्यवस्था की गई है. जरूरत पड़ने पर उनके लिए सेना की एक चिकित्सा टीम को बेसिक लाइफ सपोर्ट के साथ एंबुलेंस को तैनात किया गया है.
बांग्लादेश में संकट शुरू होने से पहले मित्र देश की प्रधानमंत्री रहीं शेख हसीना को लंदन, ब्रिटेन या फिनलैंड में राजनीतिक शरण मिलने तक भारत में ही सुरक्षित रखना कूटनीतिक मजबूरी हो गई है लेकिन उन्हें लंबे समय तक देश में नहीं रखा जा सकता. इसलिए उन्हें किसी दूसरे देश में सुरक्षित भेजने के लिए भारत सरकार ने खुद भी राजनीतिक और कूटनीतिक प्रयास शुरू किए हैं. अभी भी कोई देश उन्हें राजनीतिक शरण देने को तैयार होता नहीं दिख रहा है. अमेरिकी सरकार ने बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना का अमेरिका का वीजा रद्द कर दिया है. विदेश विभाग के करीबी सूत्रों ने इसकी पुष्टि की है. हसीना के बेटे सजीब वाजेद जॉय अमेरिका के वर्जीनिया में रहते हैं लेकिन अभी यह स्पष्ट नहीं है कि उनकी अमेरिका जाने की योजना थी या नहीं.
चूंकि शेख हसीना को लंबे समय तक वायु सेना के एयरबेस पर नहीं रखा जा सकता, इसलिए केंद्र सरकार ने अस्थाई तौर पर ही सही लेकिन दिल्ली के किसी अज्ञात और सुरक्षित स्थान पर शिफ्ट करने के लिए ने ठिकाने की तलाश शुरू कर दी है. इसके मद्देनजर मंगलवार को वायुसेना के विमानों ने राजधानी के कई इलाकों में ड्रिल की. शेख हसीना सोमवार से भारत में हैं और वह ब्रिटेन में शरण के लिए आवेदन करने पर विचार कर रही हैं, जहां उनकी बहन (शेख रेहाना) और भतीजी (ट्यूलिप सिद्दीक एमपी) रहती हैं. हालांकि, ब्रिटेन के नियमों के तहत ब्रिटेन के बाहर से शरण का दावा करना संभव नहीं है. ब्रिटेन किसी को भी शरण देने से पहले अपेक्षा करता है कि वह पहले किसी तीसरे सुरक्षित देश में शरण का दावा करे, जहां वह यात्रा करता है, जो इस मामले में भारत होगा.
हिन्दुस्थान समाचार