शिमला: लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि हिमाचल प्रदेश के तीन जिलों शिमला, कांगड़ा और मंडी में 31 जुलाई की रात बादल फटने की घटनाओं में प्रदेश को भारी नुकसान हुआ है. लोक निर्माण विभाग को भी तीन सौ करोड़ रुपये की क्षति हुई है. सड़कें और ब्रिज पानी में बह गए हैं, जिन्हें बहाल करने का कार्य चल रहा है. इन हादसों के बाद से 45 से अधिक लोग अभी भी लापता हैं, जिन्हें तलाशने का कार्य चल रहा है.
लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह यहां सचिवालय में पत्रकारों से वार्ता कर रहे थे. मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री सुक्खू ने भी प्रभावित क्षेत्रों में दौरा कर राहत एवम बचाव कार्य को तुरंत पूरा करने के निर्देश दिए हैं. सड़कों को बहाल करने का काम किया जा रहा है. बैली ब्रिज लगाए जा रहे हैं. मुख्यमंत्री ने 20 करोड़ रुपये पीडब्ल्यूडी को दिए हैं ताकि बैली ब्रिज खरीदे जा सके. प्रदेश में 82 सड़कें यातायात के लिए बंद हैं, जिन्हें खोलने का प्रयास किया जा रहा है. तीनों जिलों मंडी, कुल्लू और शिमला जिला के उपायुक्तों मौके पर हैं. चार नई पॉकलेन मशीनें और कुछ जेसीबी समेज में सर्च अभियान काे दी गई हैं.
उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने टीसीपी और साडा के नियमों को पिछले साल संशोधित किया है, लेकिन वह पूरी तरह लागू नही हुआ है. मुख्यमंत्री से इसे लागू करने को लेकर भी बात हुई. नदी नालों से 100 मीटर तक निर्माण कार्य पर प्रतिबंधित करने का सरकार ने फैसला लिया है, लेकिन सख्ती से लागू करने की आवश्यकता है. केन्द्र सरकार से आपदा में अभी तक हिमाचल प्रदेश को कोई मदद नहीं मिली है. ऐसे में केन्द्र सरकार हिमाचल प्रदेश की मदद करे और चारों भाजपा के सांसद भी केन्द्र में हिमाचल की मदद के लिए पैरवी करें. आपदा में जिन लोगों ने अपने सब कुछ खो दिया है, सरकार उनके साथ हैं और किसी दूसरी जगह उनको बसाने का कार्य है.
विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि पड़ोसी राज्य उत्तराखंड के साथ मिलकर प्रदेश लोक निर्माण विभाग कुछ प्रॉजेक्ट पर काम कर रहा है, जिसको लेकर 7 अगस्त को उत्तराखंड के मुख्यमंत्री से मिलेंगे और इन प्रोजेक्ट्स को लेकर चर्चा करेंगे. खासकर सिरमौर और चौपाल में कुछ प्रॉजेक्ट को लेकर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री से चर्चा की जाएगी.
हिन्दुस्थान समाचार