शिमला: राज्यसभा चुनाव में क्रॉस वोटिंग में कथित खरीद फरोख्त और प्रदेश सरकार को गिराने के लिए षड्यंत्र रचने के मामले में हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल के प्रचार सलाहकार रहे भाजपा नेता तरुण भंडारी से शिमला पुलिस की एसआईटी ने कई घंटे पूछताछ की.
कोर्ट के आदेश की अनुपालना करते हुए तरुण भंडारी रविवार को बालूगंज पुलिस स्टेशन पहुंचे. शिमला पुलिस की एसआईटी ने कई घंटे तक पूछताछ की. जानकारी अनुसार एसआईटी ने कांग्रेस के बागी पूर्व विधायकों को हेलीकॉप्टर से लाने व ले जाने के अलावा पंचकूला के होटल में उनके ठहरने का खर्चा उठाने के मामले में तरुण भंडारी से कई सवाल पूछे. माना जा रहा है कि एसआईटी तरुण भंडारी को पूछताछ के लिए फिर तलब कर सकती है. इसी केस में एसआईटी गगरेट के पूर्व विधायक चैतन्य शर्मा व उनके पिता सेवानिवृत्त आईएस राकेश शर्मा, लाहौल-स्पीति के पूर्व विधायक रवि ठाकुर और हमीरपुर के विधायक आशीष शर्मा से भी पूछताछ कर चुकी है.
पूछताछ से पहले तरुण भंडारी ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि यह मामला राजनीति से प्रेरित है औऱ राजनीति में यह सब चलता रहता है. उन्होंने कहा कि वह जांच में पूरा सहयोग करेंगे. प्रजातंत्र में किसी को भी किसी भी दल में शामिल होने का अधिकार है. उन्होंने कहा कि हरियाणा में भी तीन विधायक भाजपा छोड़कर गए हैं, लेकिन वहां की सरकार ने इस तरह का कोई मुकदमा नहीं कराया है.
गुडगांव से बैरंग लौट चुकी है शिमला पुलिस
मामले की जांच के दौरान शिमला पुलिस ने उत्तराखंड में गंगा स्नान सहित भाजपा नेताओं से बैठक के खर्च और भुगतान करने की जानकारी जुटाई है. शिमला पुलिस ने राज्यसभा चुनाव में क्रॉस वोटिंग करने वाले कांग्रेस के तत्कालीन छह विधायकों और तत्कालीन तीन निर्दलीय विधायकों की हेलीकॉप्टर यात्रा की भी जानकारी जुटाई. इन्हें घुमाने वाली हेलीकॉप्टर कम्पनियों में दबिश देने के लिए शिमला पुलिस ने कोर्ट से सर्च वारंट भी हासिल किया. इस मामले में दिलचस्प मोड़ तब आया जब हेलीकॉप्टर कम्पनियों का रिकार्ड खँगालने हरियाणा के गुड़गांव पहुंची शिमला पुलिस को बैरंग लौटना पड़ा. कोर्ट के फरमान पर हेलीकाप्टर कम्पनियों का रिकार्ड खंगालने पहुंची शिमला पुलिस की जांच में गुरूग्राम पुलिस ही पूरी तरह से बाधक बनी है.
दरअसल पिछले दिनों गुड़गांव पुलिस राजेंद्रा पार्क सेक्टर-105 थाने गई शिमला पुलिस की एक टीम को देर रात तक वहां रोके रखा.इसके बाद अगले दिन यह टीम शिमला लौट आई है. शिमला पुलिस हेलीकॉप्टर कंपनियों से तत्कालीन विधायकों की हवाई सेवाओं का रिकॉर्ड और इस पर खर्च होने वाली राशि का ब्योरा मांग चुकी है, लेकिन कंपनियां जहां रिकॉर्ड देने में आनाकानी करती रही है, वहीं अब पुलिस जांच में भी सहयोग नहीं किया और उल्टा गुड़गांव पुलिस ने शिमला पुलिस को जांच से रोक दिया है.
हाई कोर्ट से दोबारा सर्च वारंट हासिल करेगी शिमला पुलिस
इस घटनाक्रम में तीन हेलीकॉप्टर कंपनियां ग्लोबल वैक्ट्रा, पवन हंस और बिंडबोर्न एयरवन का रिकार्ड खंगालने के लिए शिमला पुलिस हाई कोर्ट से फिर से सर्च वारंट हासिल करेगी, वहीं गुरुग्राम प्रकरण के बाद अपनी रिपोर्ट हाई काेर्ट में प्रेषित करेगी.
यह है पूरा मामला
मामले के अनुसार हमीरपुर से भाजपा विधायक आशीष शर्मा और पूर्व विधायक चैतन्य शर्मा के पिता राकेश शर्मा पर राज्यसभा चुनाव में कथित खरीद फरोख्त के आरोप लगे हैं. कांग्रेस के विधायक संजय अवस्थी और भुवनेश्वर गौड़ द्वारा बीते 10 मार्च को बालूगंज थाने में आशीष शर्मा और राकेश शर्मा के खिलाफ मामला दर्ज करवाया था. इन दोनों पर आरोप है कि इन्होंने सरकार को गिराने के लिए षड्यंत्र रचा है.
दरअसल हिमाचल की एक राज्यसभा सीट के लिए 27 फरवरी को चुनाव हुआ था. विधानसभा में कांग्रेस के 40 विधायक होने की वजह से राज्यसभा के लिए कांग्रेस प्रत्याशी अभिषेक मनु सिंघवी की जीत तय थी, लेकिन चुनाव में कांग्रेस के छह विधायकों ने क्रॉस वोटिंग की. साथ ही तीन निर्दलीय विधायकों ने भी भाजपा के प्रत्याशी हर्ष महाजन को वोट किया औऱ वो चुनाव जीत गए. इसके बाद कांग्रेस के छह बागी व तीन निर्दलीय विधायक कुछ दिनों तक हरियाणा के पंचकूला और उतराखण्ड के होटलों में रहे. बाद में इन सभी ने भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर ली. इनकी विधायकी चले जाने के कारण नौ विधानसभा क्षेत्रों में उपचुनाव हुए. पहले छह हलकों में उपचुनाव हुए और इनमें कांग्रेस को चार और भाजपा को दो सीटों पर जीत मिली. इसके बाद तीन हलकों में हुए उपचुनाव में कांग्रेस को दो और भाजपा को एक सीट मिली.
हिन्दुस्थान समाचार