शिमला: हिमाचल प्रदेश के अधिकांश हिस्सों में आज बादल छाए हुए हैं. हमीरपुर में तेज बारिश हो रही है. चंबा में हल्की धूप खिली है. मौसम विज्ञान विभाग ने आज शिमला और सिरमौर जिलों में फ्लैश फ्लड की आशंका जताते हुए अलर्ट जारी किया है. स्थानीय लोगों और बाहर से आने वाले पर्यटकों को एहतियात बरतने की सलाह दी गई है. लोगों से भूस्खलन संभावित क्षेत्रों में न जाने की अपील की गई है. साथ ही नदी-नालों से भी दूरी बनाए रखने की हिदायत दी है.
मौसम विज्ञान केंद्र शिमला ने 10 अगस्त तक राज्य के मैदानी व मध्यपर्वतीय क्षेत्रों में भारी बारिश की चेतावनी दी है. लाहौल-स्पीति जिला के म्याड़ घाटी में बादल फटने से तिंगरठ व करपट नाले में आई बाढ़ से एक पुल बह गया है. इससे घाटी के कई गांवों का संपर्क कट गया है. बाढ़ से फसलों को भी भारी नुकसान पहुंचा है. हालांकि किसी तरह का जानी नुकसान नहीं हुआ है. बादल फटने की यह घटना शनिवार देररात को हुई. लाहौल-स्पीति की विधायक अनुराधा राणा ने अधिकारियों के साथ घटनास्थल का दौरा कर हालात का जायजा लिया. उन्होंने बताया कि करपट पुल बह जाने से अन्य गावों से संपर्क अवरुद्ध हो गया है. लोक निर्माण विभाग की मशीनरी यातायात बहाली के लिए जुट गई है. प्रशासन को नुकसान का आकलन कर प्रभावितों को हर संभव राहत प्रदान करने के निर्देश दिए गए हैं.
उदयपुर के एसडीएम केशव राम ने बताया कि बाढ़ से 10 बीघा भूमि में खड़ी फसलों को नुकसान हुआ है. इसके अलावा एक करोड़ रुपये की लागत से बना लोक निर्माण विभाग का पुल और एक निर्माणाधीन पुल की दोनों तरफ की अबेटमेंट भी बह गई है. बाढ़ से उडगौस गांव में एक मकान और एक पुराने सरकारी स्कूल का भवन क्षतिग्रस्त हुआ है तथा नुकसान का आकलन किया जा रहा है. बाढ़ में कोई जानी नुकसान नहीं हुआ है.
राज्य के कई हिस्सों में बाढ़ व भूस्खलन से जान-माल का भारी नुकसान हुआ है. राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के अनुसार मानसून सीजन के पिछले 38 दिनों में प्रदेश में फ्लैश फ्लड, भूस्खलन व बादल फटने की 50 घटनाएं सामने आई हैं. इस दौरान राज्य के 32 स्थानों पर बादल फटने और फ्लैश फ्लड ने कहर बरपाया, वहीं 18 स्थानों पर भूस्खलन से तबाही हुई. इनमें 12 लोगों की जान गई और 44 लापता हो गए. चार लोग घायल हैं. राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के अनुसार बादल फटने और फ्लैश फ्लड की अलग-अलग घटनाओं में 119 घर क्षतिग्रस्त हुए, जिनमें 81 घर पूरी तरह से ध्वस्त हो गए जबकि 38 घरों को आंशिक नुकसान पहुंचाया. भूस्खलन ने एक घर को धराशायी किया. बादल फटने और फ्लैश फ्लड से 14 दुकानें भी बह गईं. इससे 24 पशुशालाएं भी ध्वस्त हुईं और 56 मवेशियों की जान गई.
शिमला, मंडी और कुल्लू जिलों में बीती 31 जुलाई की रात बादल फटने के कारण भारी तबाही हुई है. तीनों जिलों में 12 लोगों की मौत हुई है और करीब 40 लोग लापता हैं. शिमला जिला के रामपुर उपमण्डल का समेज गांव बादल फटने से पूरी तरह तबाह हो गया. हादसे में करीब तीन दर्जन लोग लापता हैं. रामपुर में सतलुज नदी किनारे मिले दो शव शिमला जिला के रामपुर क्षेत्र के समेज में बादल फटने के बाद लापता लोगों की तलाश के दौरान बचाव दलों ने रविवार देर शाम सतलुज नदी किनारे दो पुरुषों के शव बरामद किए हैं. दोनों शव घटनास्थल से 14 किलोमीटर दूर नोगली के पास डकोलढ में मिले हैं. शवों को रामपुर के खनेरी चिकित्सालय के शव गृह में रखा गया है. शिमला के उपायुक्त अनुपम कश्यप ने बताया कि दोनों शव क्षत-विक्षत अवस्था में हैं और इनकी शिनाख्त नहीं हो पाई है. उन्होंने बताया कि कुल्लू प्रशासन को भी इस बारे सूचना दे दी गई है, क्योंकि कुल्लू के निरमंड में भी बादल फटने की घटना में कुछ लोग लापता हुए थे. अनुपम कश्यप ने बताया कि बाढ़ प्रभावित समेज के आसपास के क्षेत्र में तेज गति सर्च आपरेशन जारी है और इसके लिए आठ एलएनटी मशीनों का इस्तेमाल किया जा रहा है. बचाव टीमें पिछले पांच दिन से लापता लोगों की तलाश में जुटी हैं. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने प्रभावित परिवार को 50 हजार रुपये की राहत राशि और किराए पर मकान के लिए पांच हजार रुपये देने की घोषणा की है.
हिन्दुस्थान समाचार