मंडी: केंद्र संचालित स्वास्थ्य योजनाएं आयुष्मान व अन्य में भारी गोलमाल की शिकायतों के बीच प्रर्वतन निदेशालय एईडीए की टीम ने प्रदेश के कई जिलों में एक दर्जन के लगभग अस्पतालों व उनके मालिकों के आवासों पर दबिश दी. मंडी में भी अस्पताल मार्ग पर स्थित एक निजि अस्पताल व पुलघराट स्थित उसके मालिक के अलावा गुटकर स्थित अस्पताल के मालिकों के जरल मलोरी स्थित आवास पर दबिश दी.
ईडी टीम के अधिकारी पंजाब की गाड़ियों में सीआरपीएफ के जवानों की सुरक्षा के साथ मंडी पहुंचे तथा अलग अलग टीमें बनाकर अस्पताल व आवासों में दबिश दी. बताया जाता है कि इन अस्पतालों में आयुष्मान योजना के तहत लाखों करोड़ों का गोलमाल करने की शिकायतें हैं. यह भी शक जताया जा रहा है कि जाली आयुष्मान कार्डों के जरिए सरकार का करोड़ों रूपए हड़पा गया है. माना जा रहा है कि आयुष्मान कार्ड के जरिए जो पात्र मरीजों को पांच लाख तक इलाज की निशुल्क सुविधा है उसी का लाभ उठाया गया है.
हैरानी व रोचक यह रहा है कि पूरा दिन ईडी की टीमें इन अस्पतालों व मालिकों के आवासों पर कंप्यूटर में जमा डाटा व अन्य कागजातों को खंगालते रहे. इस दौरान किसी को भी अंदर जाने की इजाजत नहीं दी गई. ईडी के अधिकारियों ने अपने बारे में कोई भी जानकारी सांझा नहीं की. पूरे प्रदेश व मंडी में इस तरह की दबिश को लेकर पूरा दिन सोशल मीडिया पर खबरें चलती रही. क
गौरतलब है कि मंडी में पूर्व सैनिकों को मिलने वाली निशुल्क स्वास्थ्य सुविधा के नाम पर गोलमाल करने का भी भांडाफोड़पूर्व सैनिक लीग ने मीडिया से बातचीत के दौरान किया था. इसमें भी बिना पूर्व सैनिक को अस्पताल में दाखिल किए ही उसे दाखिल किया बताकर लाखों रूपए के बिल बनाकर पैसा हड़पने के आरोप लगे थे.
प्रदेश में हुए उपचुनावों के बाद भी कुछ भाजपा विधायकों द्वारा ईडी को दस्तावेज दिए जाने की खबरें सामने आई थी. यही नहीं यह सब तब हो रहा है जब पहले मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू दिल्ली गए थे व केंद्र सरकार के कई मंत्रियों से मिलकर आए और उसके बाद प्रदेश कांग्रेस की अध्यक्ष प्रतिभा सिंह व उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री दिल्ली गए और अब नेता प्रतिपक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर दिल्ली में है. ऐसे में प्रदेश में ईडी के छापों को आने वाले किसी बड़े घटनाक्रम से भी जोड़ कर देखा जा रहा है.
हिन्दुस्थान समाचार