नई दिल्ली: दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट ने महाराष्ट्र की विवादित प्रोबेशनरी आईएएस अधिकारी पूजा खेडकर को तत्काल कोई भी राहत देने से इनकार कर दिया है. कोर्ट ने पूजा की अग्रिम जमानत याचिका पर बुधवार (31 जुलाई) को सुनवाई करने का आदेश दिया.
सुनवाई के दौरान दिल्ली पुलिस की ओर से पेश वकील ने कोर्ट को बताया कि इस मामले में नया पब्लिक प्रोसिक्यूटर नियुक्त हुआ है. इसलिए कल तक मामले की सुनवाई टाल दी जाए. इस पर पूजा के वकील ने कहा कि उसको मामले में दो बार कारण बताओ नोटिस जारी किया जा चुका है, इसलिए उनको अंतरिम राहत दी जाए. इसके मद्देनजर हम संरक्षण की मांग कर रहे हैं. उसके बाद कोर्ट ने इस मामले पर 31 जुलाई को सुनवाई करने का आदेश दिया.
दरअसल, कुछ दिन पहले 2023 बैच की ट्रेनी आईएएस पूजा खेडकर पर सत्ता के दुरुपयोग और फर्जी सर्टिफिकेट के जरिए आरक्षण का लाभ लेने जैसे कई आरोप लगे थे. इन आरोपों के बाद केंद्र सरकार ने पूजा खेडकर के खिलाफ सभी आरोपों की जांच के लिए एक सदस्यीय पैनल का गठन किया था. एक सदस्यीय पैनल ने 27 जुलाई को अपनी जांच रिपोर्ट कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग को सौंप दी थी. पूजा खेडकर पर आरोप है कि उसने यूपीएससी परीक्षा में बैठने से पहले खुद को ओबीसी श्रेणी का बताते हुए एक फर्जी प्रमाणपत्र जमा किया था. पूजा पर आरोप है कि जाति आरक्षण का लाभ लेने के लिए घुमंतु जनजाति-3 श्रेणी के तहत भर्ती किया गया था, जो केवल बंजारा समुदाय के लिए आरक्षित है. उन पर ये भी आरोप है कि उन्होंने फर्जी विकलांगता प्रमाण पत्र के लिए आवेदन किया था.
पूजा खेडकर प्रोबेशन के दौरान अवैध मांग करने को लेकर विवादों में घिर गई थीं. कलेक्टर सुहास दिवासे ने खेडकर के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी. विवाद बढ़ने के बाद पूजा खेडकर पर महाराष्ट्र सरकार ने कार्रवाई करते हुए उनकी ट्रेनिंग पर रोक लगा दिया और पूजा खेडकर को फील्ड पोस्टिंग से हटाकर मसूरी स्थित लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी (एलबीएसएनएए) में रिपोर्ट करने का आदेश दिया गया लेकिन वो तय समय पर एलबीएसएनएए नहीं पहुंचीं. 18 जुलाई को पुलिस ने पूजा खेडकर की मां को गिरफ्तार किया था. पूजा की मां का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था, जिसमें वह मुलशी में कुछ किसानों को उनकी जमीन हड़पने के लिए पिस्तौल से धमकाती नजर आ रही थीं. इस मामले में पुलिस ने एफआईआर दर्ज की है.
हिन्दुस्थान समाचार