शिमला: हिमाचल प्रदेश में मानूसन ने तबाही मचानी शुरू कर दी है. बीते दो दिन से राज्य के अधिकांश हिस्सों में हो रही भारी बारिश से भूस्खलन व बाढ़ की घटनाएं सामने आई हैं. शिमला-कालका फोरलेन पर सोलन जिला के परवाणू के दतियार में अखबार ले जा रहा एक वाहन भूस्खलन की चपेट में आ गया. सोमवार तड़के हुए इस हादसे में वाहन सवार एक व्यक्ति की मौत हो गई और चालक समेत तीन घायल हैं. घायलों का ईएसआई अस्पताल परवाणू में उपचार चल रहा है. भूस्खलन से फोरलेन की एक लेन पूरी तरह बाधित हो गई. इस कारण सड़क पर लंबा जाम लग गया.
शिमला में भूस्खलन की जद में आये दो वाहन
शिमला शहर के विकासनगर और पंथाघाटी में रात को पार्क दो गाड़ियां भूस्खलन की जद में आई हैं. विशालकाय पेड़ के धराशायी होने से सड़क किनारे खड़ी एक कार क्षतिग्रस्त हो गई. कार मालिक सुरेंद्र ने हिमुडा गेट के पास किनारे पर कार को पार्क किया था. बीती रात हुई भारी वर्षा से पेड़ टूटकर कार पर जा गिरा. इसी तरह पंथाघाटी में पत्थर गिरने से एक कार का अगला हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया. दोनों घटनाओं में किसी के हताहत होने की रिपोर्ट नहीं है.
लाहुल स्पीति, किन्नौर व कुल्लू में खतरे की जद में आये कई मकान
जनजातीय जिला लाहुल स्पीति और इससे सटे कुल्लू जिला में भारी बारिश से फ्लैश फ्लड की आशंका बढ़ गई है. दोनों जिलों में करीब दो दर्जन घरों को खाली करवाया है. लाहुल स्पीति जिला में मयाड़ नाले में बाढ़ आने से पानी और मलबा करपट गांव में घरों तक पहुंच गया. इसी तरह कुल्लू जिले पलचान गांव में ब्यास नदी का जलस्तर बढ़ने से पानी घरों तक पहुंच गया. सूचना मिलते ही प्रशासन की टीम मौके पर पहुंची और राहत कार्य शुरू किया. लोगों को त्वरित राहत पहुंचाने के लिए टीम खाद्य सामग्री व जरूरी सामान लाई थी. अधिकतर लोगों ने टेंट में तो कुछ ने दूसरे गांव में शरण ली है.
किन्नौर जिला में हुई व्यापक वर्षा से ज्ञाबुंग-रोपा नाले में आये सैलाब ने कहर बरपाया. रोपा पंचायत के दो घरों में मलबा भर गया. इसके अलावा सैंकड़ों सेब के पौधों और नकदी फसल को नुकसान पहुंचा है.
भूस्खलन से 45 सड़कें बंद, 215 ट्रांसफार्मर ठप
राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के अनुसार सोमवार सुबह तक राज्य में भूस्खलन से 45 सड़कें अवरुद्ध हैं. मंडी में 29, कुल्लू में आठ, शिमला में चार, कांगड़ा व किन्नौर में दो-दो सड़कें बंद हैं. इसके अलावा 215 ट्रांसफार्मर ठप पड़ गए हैं. चम्बा में 108, मंडी में 80 शिमला में 22 और लाहौल-स्पीति में आठ ट्रांसफार्मर बंद हैं.
मौसम विभाग की दैनिक रिपोर्ट के अनुसार बीती रात बिलासपुर जिले के घमरूर में सर्वाधिक 96 मिलीमीटर वर्षा रिकार्ड हुई है. इसके अलावा शिमला के जुब्बड़हट्टी में 63, चुआड़ी में 57, नादौन में 56, धौलाकुंआ में 51, शिलारू व जोगिंदर में 50 -50, धर्मशाला में 48 और देहरा गोपीपुर में 47 मिलीमीटर वर्षा हुई.
मानसून सीजन में 411 करोड़ का नुकसान, 102 घरों को नुकसान
राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के अनुसार मानसून सीजन में अब तक 411 करोड़ का नुकसान आंका गया है. इसमें लोकनिर्माण विभाग को 172 करोड़ का नुकसान शामिल है. मानसून सीजन के दौरान 102 घरों को नुकसान पहुंचा है. इनमें 18 घर पूर्ण रूप से ध्वस्त हुए, जबकि 84 घरों को आंशिक तौर पर नुकसान पहुंचा है. इसके अलावा पांच दुकानें व 83 पशुशालाए भी ध्वस्त हुई हैं. राज्य में वर्षा जनित हादसों में 119 लोगों की जान गई है. इनमें 59 मौतें पानी के तेज बहाव में बहने, सर्पदंश से आठ, करंट से आठ और ऊंचाई से फिसलने से हुई हैं. 60 लोगों की विभिन्न सड़क हादसों में जान गई है.
चार अगस्त तक भारी बारिश की चेतावनी, येलो व ओरेंज अलर्ट जारी
मौसम विभाग द्वारा जारी पूर्वानुमान के अनुसार अगले छह दिन पूरे प्रदेश में मौसम खराब रहेगा. तीन अगस्त तक राज्य में भारी वर्षा होने की आशंका है. मौसम विभाग ने नौ जिलों में बारिश को लेकर अलर्ट जारी किया है. 29 व 30 जुलाई को येलो जबकि 31 जुलाई व 1 अगस्त को ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है. दो से चार अगस्त तक दोबारा येलो अलर्ट जारी किया है. कुल्लू, लाहौल-स्पीति औऱ किन्नौर को छोड़कर शेष नौ जिलों में व्यापक वर्षा होने के आसार हैं. सिरमौर, कांगड़ा, बिलासपुर औऱ ऊना जिलों में 31 जुलाई 1 अगस्त को भारी से बहुत भारी वर्षा का ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है.
मौसम विज्ञान केंद्र शिमला ने भारी वर्षा की आशंका केम द्देनजर प्रदेशवासियों और बाहर से आने वाले लोगों को एहतियात बरतने को कहा है. लोगों को नदी-नालों के समीप न जाने की सलाह दी गई है. नदियों व उपनदियों के किनारे बसे लोगों को भी सतर्कता बरतने को कहा गया है. पर्यटकों व स्थानीय लोगों को भूस्खलन सम्भावित इलाकों की तरफ भृमण न करने और अनावश्यक यात्रा से बचने की हिदायत दी गई है.
हिन्दुस्थान समाचार