शिमला: केंद्र सरकार ने हिमाचल प्रदेश में उड़ान योजना के तहत हवाई अड्डों व हेलीपोर्ट के उन्नयन व विकास के लिए बीते दो सालों में 213 करोड़ 52 लाख रूपये आवंटित किए हैं. इस राशि में से अब तक 160 करोड़ 48 लाख रूपये खर्च हुए हैं. केंद्रीय नागरिक उड़यन राज्य मंत्री मुरलीधर मोहोल ने राज्यसभा सांसद डॉक्टर सिकंदर कुमार द्वारा संसद में पूछे गए एक सवाल के लिखित जवाब में यह जानकारी दी.
मुरलीधर मोहोल ने बताया कि उड़ान योजना के तहत राज्य में अब तक दो हवाई अड्डों व दो हेलीपोर्ट का प्रचालन किया जा चुका है. इस योजना के शुरू होने से अब तक प्रदेश में 30 आरसीएस मार्गाों का परिचालन किया जा चुका है. मंत्री ने बताया कि संजौली और बद्दी में हेलीपोर्ट का विकास कार्य प्रगति पर है जबकि मनाली मे हेलीपोर्ट नियोजन स्तर पर है. उन्होंने कहा कि हेलीकाप्टर मार्गों के लिए लांच की गई उड़ान योजना-5.1 के तहत चंबा, पालमपुर, रक्कड़ और रिकांगपिओं में चार नए हेलीपोर्ट चिन्हित किए गए हैं.
शिमला से दिल्ली और अमृतसर हवाई रूटों पर एलांइस एयर दे रहा सेवा
उड़ान योजन के तहत शिमला से दिल्ली और अमृतसर के लिए हवाई सेवा संचालित की जा रही है. एलाइंस एयर शिमला से दिल्ली व अमृतसर के लिए चार हवाई रूटों पर सेवाएं दे रहा है. केंद्रीय नागरिक उड़यन मंत्री किंजरापू राममोहन नायडू ने राज्यसभा सांसद डॉक्टर सिकंदर कुमार द्वारा संसद में पूछे गए एक सवाल के लिखित जवाब में यह जानकारी दी.
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने हिमाचल में हेलीकाप्टर के माध्यम से हवाई संपर्क को बढ़ावा देने के लिए बोली लगाने के विभिन्न चरणों के आयोजन के बाद प्रदेश के विभिन्न शहरों में उड़ानों के परिचालन के लिए एयरलाइन प्रचालक चयनित कर लिए हैं. उन्होंने बताया कि शिमला, रिकांगपिओ, कुल्लू, चंडीगढ़, रामपुर, मनाली में हेलीपोर्ट तैयार न होने के कारण हेलीकाप्टर उड़ानें शुरू नहीं हो पाई हैं.
केंद्रीय मंत्री ने बताया कि केंद्र सरकार ने मंडी जिला के नागचला में अंतरराष्ट्रीय स्तर के ग्रीनफील्ड हवाईअड्डे के विकास के लिए चार जुलाई 2022 को साइट क्लीयरेंस जारी की थी.
हिन्दुस्थान समाचार