नई दिल्ली: पच्चीसवें कारगिल विजय दिवस पर आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने द्रास में कारगिल युद्ध स्मारक पर कारगिल युद्ध के नायकों को श्रद्धांजलि अर्पित की. इस मौके पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि कारगिल विजय दिवस गवाह है कि राष्ट्र के लिए दिए गए बलिदान अमर हैं. कारगिल में हमने केवल युद्ध नहीं जीता था. सत्य की भी जीत हुई थी. उस समय भारत शांति के लिए कार्य कर रहा था. पाकिस्तान ने विश्ववासघात किया.
इस दौरान पीएम मोदी ने केंद्र सरकार की अग्निपथ योजना का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा कि ये सच्चाई है कि अग्निपथ योजना के आने से देश की ताकत बढ़ेगी. साथ ही यह देश के वीर, सामर्थ्यवान युवाओं को देश की सेवा करने के लिए भी प्रेरित करेगी. उन्होंने कहा कि वो हैरान हैं कि कुछ लोगों की समझ को क्या हो गया है. वो भ्रम फैला रहे हैं. साथ ही यह बात कर रहे हैं कि सरकार पैसा बचाने के लिए युवाओं के लिए योजना लाई है.
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि 26 जुलाई, 1999 को भारत ने कारगिल युद्ध में विजय हासिल की थी. आज लद्दाख की ये महान भूमि कारगिल विजय दिवस की 25वीं वर्षगांठ की गवाह बन रही है. मुझे याद है कि किस तरह हमारी सेनाओं ने इतनी ऊंचाई पर इतने कठिन युद्ध ऑपरेशन को अंजाम दिया. मैं देश को विजय दिलाने वाले ऐसे सभी शूरवीरों को आदरपूर्वक प्रणाम करता हूं. मैं उनके बलिदान को नमन करता हूं, जिन्होंने कारगिल में मातृभूमि की रक्षा के लिए अपना सर्वोच्च बलिदान दिया. प्रधानमंत्री ने कहा कि इस युद्ध में पाकिस्तान को मुंह की खानी पड़ी लेकिन पाकिस्तान ने अपने इतिहस से कुछ नहीं सीखा.
इसके बाद प्रधानमंत्री मोदी ने वर्चुअली शिंकुन ला सुरंग परियोजना का पहला विस्फोट किया. यह सुंरग लद्दाख को हर मौसम में संपर्क प्रदान करेगी. इस सुरंग परियोजना में 4.1 किलोमीटर लंबी ट्विन-ट्यूब टनल भी शामिल है, जिसका निर्माण निमू-पदुम-दारचा रोड पर लगभग 15,800 फुट की ऊंचाई पर किया जाएगा. इससे लेह को हर मौसम में कनेक्टिविटी प्रदान की जा सकेगी. यह दुनिया की सबसे ऊंची सुरंग होगी. शिंकुन ला सुरंग न केवल हमारे सशस्त्र बलों और उपकरणों की तेज व कुशल आवाजाही सुनिश्चित करेगी बल्कि लद्दाख में आर्थिक और सामाजिक विकास को भी बढ़ावा देगी.
उल्लेखनीय है कि भारतीय सेना ने कारगिल की लड़ाई में पाकिस्तान के छक्के छुड़ाते हुए 26 जुलाई 1999 को विजय प्राप्त की थी. यह युद्ध करीब दो माह लड़ा गया . प्रारम्भ में इसे पाकिस्तान की घुसपैठ माना गया, लेकिन नियंत्रण रेखा में खोज अभियान के बाद पाकिस्तान की नियोजित रणनीति का खुलासा हुआ. भारतीय सेना को अहसास हुआ कि हमले की योजना बड़े पैमाने पर की गई है. इसके बाद भारत सरकार ने ‘ऑपरेशन विजय’ का आगाज करते हुए सैनिकों को कारगिल क्षेत्र मे भेजा. इस युद्ध में भारतीय सशस्त्र बलों के अटूट दृढ़ संकल्प और अदम्य भावना को प्रदर्शन हुआ. कारगिल युद्ध पाकिस्तान के गलत इरादों का सुबूत है. भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने पाकिस्तान को सबक सिखाते हुए भारत के शौर्य और सामर्थ्य का अहसास पूरी दुनिया को कराया. वहीं पाकिस्तान के साथ हमदर्दी दिखानेवाली महाशक्तियों को भी दो-टूक लहजे में ऐसा करार जवाब दिया कि बोलती बंद हो गई. इस युद्ध में भारत ने भी अपने कई वीर योद्धाओं को खोया और उनका सर्वोच्च बलिदान देश के लिए एक मिसाल बन गया.
हिन्दुस्थान समाचार