शिमला: हिमाचल प्रदेश में पटवारी और कानूनगो की हड़ताल को लेकर सुक्खू सरकार सख्त हो गई है. पटवारी व कानूनगो एसोसिएशन ने पिछले कई दिनों से ऑनलाइन सरकारी कार्य का बहिष्कार कर रहे हैं. इसके अलावा वे सरकारी वाट्सअप ग्रुपों को भी छोड़ चुके हैं. सरकार ने कहा है कि काम पर न लौटने वाले हड़ताली पटवारी और कानूनगो को सस्पेंड किया जाएगा.
जिला कैडर को स्टेट कैडर बनाने को लेकर राज्य सरकार के खिलाफ राज्य के पटवारी व कानूनगो आंदोलनरत हैं. राज्य सरकार ने आंदोलनरत पटवारियों व कानूनगो को आगाह किया है कि उन्होंने अगर तत्काल ऑनलाइन कार्य शुरू नहीं किया तो उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी और अनुशासन तोड़ने व कंडक्ट रूल्स के उल्लंघन पर उन्हें सस्पेंड कर दिया जाएगा. इसे संबंध में अतिरिक्त मुख्य सचिव ओंकार शर्मा ने सभी उपायुक्तों को पत्र लिख कर हड़ताली पटवारी और कानूनगो को निर्देश दिए गए हैं. निर्देशों में कहा गया कि वे वॉट्सएप ग्रुप दोबारा ज्वाइन कर काम पर लौटें, अन्यथा उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई अमल में लाई जाएगी.
अतिरिक्त मुख्य सचिव शर्मा ने सभी उपायुक्तों को लिखे पत्र में कहा गया कि पटवारी और कानूनगो की हड़ताल अवधि को डाइज नान श्रेणी में रखा जाएगा. जितने समय तक काम नहीं होगा, उसे सर्विस ब्रेक के तौर पर गिना जाएगा. इसके साथ ही उनके खिलाफ सस्पेंशन की भी कार्रवाई की जाएगी. पत्र में यह भी कहा गया है कि राज्य सरकार ने बातचीत के दरवाजे खुले रखे हैं और उनकी जायज मांगों के निपटारा करने के लिए सरकार उचित कदम उठाने को तैयार है.
उल्लेखनीय है कि पटवार कानूनगो एसोसिएशन ने प्रदेश सरकार को कैबिनेट में उनका मामला रखने का आह्वान किया था. साथ ही उन्होंने चेतावनी दी थी गुरुवार को प्रस्तावित कैबिनेट में स्टेट कैडर और स्टेट लेवल के तबादला नीति वाले निर्णय को वापस नहीं लिया जाता है और धरातल पर पटवारखानों में कंप्यूटर इंटरनेट कनेक्शन और प्रिंटर की सुविधा प्रदान नहीं करती तो महासंघ कठोर संघर्ष करेगा.
हिन्दुस्थान समाचार