हिमाचल हाईकोर्ट ने प्रदेश को प्लास्टिक मुक्त बनाने के लिए अदेश जारी किए है. कोर्ट ने अदेश में कहा कि सिक्किम और भूटान के आधार पर हिमाचल प्रदेश घूमने आए सैलानियों से पर्यवरण को साफ, स्वच्छ और सुंदर रखने के लिए टैक्स वसूला जाएगा. यह आदेश न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान और सुशील कुकरेजा की बैंच द्वारा दिए गए हैं.
हाई कोर्ट ने कहा कि हिमाचल आने पर्यटकों की गाड़ियों में प्लास्टिक के बैग रखें जाए ताकी वे अपना सारा कूड़ा इन बैग में डालें. कोर्ट ने अपने 23 मार्च से 8 मई के अदेशों में शिमाला नगर निगम को भी ठोस कचरे से छुटकारा करने के लिए सखत कदम लोने को कहा था. नगर निगम द्वारा इस अदेश पर एक शिकायत नंबर 9805201916 भी जारी किया गया है. कोर्ट में नगर निगम ने बताया कि यदि किसा को जंगल, घर के आसपास या कहीं भी कचरा पड़ा दिखाई देता है वो इस नंबर के जरिए शिकायत दर्ज कर सकता है.
कोर्ट ने आगे कहा कि जब तक उस शिकायत का समाधान नहीं होता तब तक उसे डिस्पले पर दिखाया जाए. साथ ही उच्च न्यायालय ने हिमाचल सरकार को अगली सुनावई तक स्पेशल टास्क फोर्स का गठन करने के भी अदेश जारी किए है. इस मामले की अगली सुनवाई 1 अगस्त को होनी है.
कोर्ट ने लाहौल-स्पीति डीसी को सैलानियों से लिए जाने वाले ग्रीन टैक्स पर अगली सुनवाई में हलफनामा दायर करने को कहा है. उच्च न्यायालय ने सवाल किया कि ग्रीन टैक्स का प्रयोग कहां पर किया जा रहा है. साथ ही कोर्ट ने सुक्खू सरकार को आदेश दिए कि हिमाचल में बाहरी राज्यों से आने वाली प्लास्टिक कंपनियों का पंजीकरण करवाया जाए ताकि प्रदेश में कितनी मात्रा में प्लास्टिक आ रहा है और कहां डाला जा रहा इस बात का पता चल सके. यदि कोई गैर कानूनी तरीके से यहां प्लास्टिक ला रहा है तो उस व्यक्ति पर भारी जुर्माना लगाया जाए.