शिमला: कालका से शिमला के ढली के लिए बन रहे फोरलेन के तहत उपनगर शोघी के पास गोरेगांव से संगल के बीच बन रही सुरंग को लेकर इंतजार खत्म हो गया है. 708 मीटर की लंबी सुरंग के मंगलवार को दोनों छोर मिल गए. एनएचएआई हिमाचल प्रदेश के क्षेत्रीय अधिकारी अब्दुल बासित की अध्यक्षता में सुरंग की ब्रेकथू सेरेमोनी हुई. टनल का निर्माण कार्य 2023 में शुरू हुआ था. अब नौ और टनल का निर्माण शेष है जिसे दिसंबर 2026 तक पूरा कर लिया जाएगा. सोलन के कैथलीघाट से ढली फोरलेन के बीच में 10 किलो मीटर की 10 सुरंगों का निर्माण होना है जिसमें शोघी की एक सुरंग शामिल है.
ब्रेकथू सेरेमोनी के मौके पर एनएचएआई के क्षेत्रीय प्रमुख अब्दुल बासित ने बताया कि सुरंग के निर्माण में 200 मजदूरों और 50 मशीनों की तैनाती की गई है. उन्होंने कहा कि यह सुरंग डबललेन की होगी. इससे आने-जाने में आसानी होगी और यात्रा का समय भी कम होने के साथ साथ तेल की बचत की कम होगी.
उन्होंने कहा कि सुरंग का निर्माण कार्य पर्यावरणीय मानकों को ध्यान में रखते हुए किया गया है और टनल के निर्माण से पहाड़ी की कटिंग और 5 हजार पेड़ का कटान भी बचा है.
बता दें कि इस फोरलेन के बनने से शिमला से चंडीगढ़ के बीच यातायात व्यवस्था में बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा. डबल लेन सड़क से कैथलीघाट और ढली के बीच की दूरी 40 किलोमीटर से घटाकर 28.5 किमी रह जाएगी. ढली-केथलीघाट फोरलेन को दो चरणों में फोरलेन कार्य को पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है.
पहले चरण में कैथलीघाट से शकराल गांव तक 1840 करोड रुपए से 17.5 किलोमीटर लंबी सड़क का निर्माण किया जा रहा है. इसमें 20 पल, दो टनल, एक अंडर पास, 53 कलवर्ट, एक प्रमुख जंक्शन, दो अल्प जंक्शन और एक टोल प्लाजा बनेगा, वहीं दूसरे चरण में शकराला गांव से ढली-मशोबरा जंक्शन तक 11 किलोमीटर सड़क पर 2017 करोड़ खर्च होंगे. इसमें सुरंगों के अलावा सात पुल बनेंगे. इस पर 300 करोड़ खर्च होंगे. एक पुल जमीन से 240 मीटर ऊपर बनेगा.
हिन्दुस्थान समाचार