शिमला: हिमाचल प्रदेश में होम स्टे संचालकों को सरकार झटका देने की तैयारी में है. होम स्टे की बिजली व पानी को सरकार मंहगा करने जा रही है. दरअसल होम स्टे संचालित करने वालों से राज्य सरकार अभी किसी प्रकार का शुल्क नहीं लेती है. इसके उल्ट होम स्टे को बढ़ावा देते हुए घरेलू दरों पर बिजली-पानी की सुविधा प्रदान की गई है. अब प्रदेश सरकार होम स्टे में बिजली और पानी की सुविधा कर्मिश्यल दरों पर उपलब्ध करवाएगी.
पंचायती राज एंव ग्रामीण विकास मंत्री अनिरूद्ध सिंह ने शिमला में कहा कि होम स्टे नियम 2024 में बदलाव को लेकर बनी मंत्रीमंडलीय उप समिति के समक्ष ये प्रस्ताव रखा गया है. उन्होंने कहा कि उप समिति की बैठक 22 जुलाई को होना प्रस्तावित है. इसमें विभिन्न प्रस्तावों पर फैसले लिए जाएंगे.
जानकारी अनुसार राजस्व बढ़ाने के लिए प्रदेश सरकार द्वारा यह कदम उठाया जा रहा है. प्रदेश में लगभग 3512 होम स्टे पंजीकृत हैं. ये होम स्टे घरेलू दरों पर बिजली और पानी का उपयोग करते हैं. होम स्टे का पंजीकरण करवाने के लिए 100 रुपये और नवीकरण करवाने के लिए 50 रुपये शुल्क लगता है. प्रदेश सरकार द्वारा करीब डेढ दशक बाद होम स्टे को लेकर नई नीति ला रही है. इससे पहले प्रदेश में वर्ष 2008 में होम स्टे नीति आई थी.
प्रदेश के शहरी क्षेत्रों के बाहर ग्रामीण क्षेत्रों में बने होम स्टे पर्यटकों को बहुत अधिक पसंद आ रहे हैं. कोरोना काल की बात की जाए तो वर्क फ्रॉम होम करने के लिए कर्मचारी होम स्टे में कई महीनों की बुकिंग लेकर एक जगह पर काम करते रहे. शिमला शहर के आसपास होम स्टे में आज भी बड़ी संख्या में लोग लंबे समय के लिए ठहरे मिलते हैं. होम स्टे संचालित करने वालों से सरकार किसी प्रकार का शुल्क नहीं लेती है. इसके उल्ट होम स्टे को बढ़ावा देते हुए घरेलू दरों पर बिजली-पानी की सुविधा प्रदान की गई है.
हिन्दुस्थान समाचार