शिमला: नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि सुक्खू सरकार ने बेटियों की शादी के लिए दी जाने वाली शगुन योजना का पैसा भी रोक दिया है. बजट होने के बाद भी सरकार द्वारा पैसा बेटियों की शादी पर पैसा नहीं दिया गया. जिससे बजट लैप्स हो गया. जबकि हर जिले में सैकड़ों की संख्या में आवेदन लंबित पड़े हैं. लोग भटक रहे हैं, जो धनराशि शादी के समय मिलनी चाहिए थी वह साल भर से अटकी पड़ी है. यह बातें अखबारों में छप रही हैं और सरकार के संज्ञाओं में हैं.
उन्होंने कहा कि शगुन जैसी योजना होने के बाद भी बेटियों की शादी में सरकार की तरफ से कोई सहयोग नहीं मिल रहा है. लंबित पड़े हजारों आवेदनों में इस वित्तीय वर्ष के साथ पिछले वित्तीय वर्ष आवेदन भी शामिल हैं. प्रदेश के बेटियों के विवाह के समय दी जाने वाली धनराशि को क्यों रोका जा रहा है, सरकार को इसका जवाब देना चाहिए.
जय राम ने एक बयान में कहा कि एक तरफ़ कांग्रेस ने चुनाव के दौरान महिलाओं को सुख सम्मान निधि देने के नाम पर ठगा दूसरी शगुन जैसी महत्वाकांक्षी योजना को बंद करने का काम कर रही है.
जयराम ठाकुर ने कहा कि प्रदेश के सभी जिलों में शगुन योजना का पैसा रोक दिया गया है. हर ज़िले में सैकड़ों की संख्या में आवेदन लंबित पड़े हैं. इस वित्तीय वर्ष में सरकार ने शगुन योजना के लिए बजट ही नहीं जारी किया है. जबकि पिछले वित्तीय वर्ष में बजट होने के बाद भी पैसा नहीं जारी किया गया. यह खबरें अखबारों में छप रही है लेकिन सरकार संज्ञान नहीं ले रही है. इससे साफ़ है कि शगुन योजना का पैसा रोकने का आदेश ऊपर से ही दिया गया है. नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि इसीलिए सरकार अब मीडिया के लोगों पर मुक़दमा करने की धमकी दे रही और है और छवि खराब करने के नाम पर जेल भेजने का डर दिखा रही है. क्योंकि सरकार की नाकामी का एक-एक काल चिट्ठा मीडिया प्रदेश के लोगों के सामने लाएगा. उन्होंने कहा कि भारतीय जानता पार्टी सुक्खू सरकार की जनविरोधी नीतियों के ख़िलाफ़ जमकर आवाज उठाती रहेगी और उनकी तानाशाही का डटकर सामना करेगी.
जयराम ठाकुर ने कहा कि पूर्व की भाजपा सरकार में 1 अप्रैल 2021 में शगुन योजना की शुरुआत हुई थी. जिसके तहत सरकार ने बीपीएल परिवार की बेटियों की शादी में 31 हज़ार रुपए देने की योजना शुरू की थी. सामान्य परिवार में बेटी के विवाह में इतनी धनराशि मायने रखती है. इससे बहुत सारे काम आसानी से हो जाते हैं. हमारी सरकार में हमने हजारों बेटियों को इस योजना का लाभ दिया. योजना सुचारू रूप से चलती रही. लेकिन मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने जब से सत्ता सँभाली तब से प्रतिशोध की राजनीति के तहत पूर्व सरकार द्वारा गरीबों और जरूरतमंदों के लिए चलाई गई योजनाओं को अघोषित रूप से बंद करने में लगे हैं. नई सरकारें पुरानी सरकार के काम को आगे बढ़ाने के लिए जानी जाती हैं लेकिन यह सरकार शगुन और सहारा जैसी योजनाओं को बंद करने में लगी है. जिस तरह से सरकार जनहितकारी योजनाओं को टार्गेट कर रही है वह अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण हैं. कहा कि सरकार जल्दी से जल्दी शगुन योजना का बजट जारी करे और सभी लंबित आवेदनों का निस्तारण करे.
हिन्दुस्थान समाचार