शिमला: हिमाचल में लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को लगातार तीसरी बार 4-0 शिकस्त झेलनी पड़ रही है. साल 2014 और 2019 की तरह इस मर्तबा भी कांग्रेस को सभी चारों सीटों पर भारी मतों से हार का सामना करना पड़ा है. कांगड़ा से कांग्रेस के कदावर नेता व पूर्व केंद्रीय मंत्री आंनद शर्मा की करीब पौने तीन लाख मतों से हार हुई है. मंडी से सुक्खू सरकार में लोकनिर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह 74 हजार मतों से हारे. इसी तरह हमीरपुर से सतपाल रायजादा पौने दो लाख और शिमला सीट से विधायक विनोद सुल्तानपुरी की 90 हजार मतों से हार हुई. सूबे में कांग्रेस के सत्तारूढ़ होने के बावजूद लोकसभा चुनाव में मिली हार को हाईकमान बड़ी गम्भीरता से ले रही है.
एआईसीसी ने हार की समीक्षा के लिए सांसद रजनी पाटिल और पूर्व सांसद पी.एल. पुनिया की दो सदस्यीय कमेटी बनाई है. यह कमेटी शिमला में मंत्रियों, विधायकों व संगठन के लोगों से बैठकें कर हार के कारणों को खंगाल रही है. इसके बाद कमेटी विस्तृत रिपोर्ट तैयार कर पार्टी हाईकमान को सौंपेगी.
रजनी पाटिल ने कहा कि लोकसभा चुनावों में हार को लेकर सरकार, पार्टी नेताओं और पदाधिकारियों के साथ बैठक कर समीक्षा की जाएगी. सभी से बैठक कर पार्टी आलाकमान को रिपोर्ट सौंपी जाएगी और उसके बाद पार्टी हाई कमान आगामी निर्णय लेगा. उन्होंने कहा कि हिमाचल के बाद उत्तराखंड में भी हार की समीक्षा की जाएगी. बैठक को लेकर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रतिभा सिंह ने कहा कि लोकसभा चुनाव में हार को लेकर दो दिन कमेटी मंथन करेगी और हार के कारणों की जानकारी हासिल की जाएगी. उपचुनाव के बाद सरकार अब पूरी तरह से स्थिर और सीएम सुक्खू से संगठन के लोगों को निगमों और बोर्ड में नियुक्तियां देने का आग्रह भी किया जाएगा.
समीक्षा बैठक में पहुंचे मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि लोकसभा चुनाव में हार की समीक्षा की जा रही है. चारों लोकसभा सीट पर कांग्रेस हारी है लेकिन कांग्रेस का वोट शेयर 14% बढ़ा है. पार्टी हाई कमान ने हार के कारणों को लेकर कमेटी गठित की है जो सभी से बातचीत कर कारणों की जानकारी जुटा रही है. उन्होंने कहा कि विधान सभा उप चुनाव में भविष्य की राजनीति को हिमाचल की जनता ने आईना ने दिखा दिया.जनता के वोट से चुनी सरकार को नोट के दम से गिराने की कोशिश की गई लेकिन हिमाचल की जनता ने बता दिया कि हम घर भी बिठा देते हैं. भाजपा चुनाव में एजेंसियों का दुरुपयोग करती है लेकिन इनसे घबराने की जरूरत नहीं है.
डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री ने बैठक के बाद कहा कि फैक्ट फाइंडिंग कमेटी हार के कारणों को लेकर सभी से बात कर रही है लेकिन अब सरकार पूरी तरह से स्थिर और स्थायी है.विपक्ष साजिश और षड्यंत्र की राजनीति छोड़कर प्रदेश हित में काम करे.नेता प्रतिपक्ष को प्रदेश की जनता से माफी मांगनी चाहिए कि हमने सरकार को गिराने की कोशिश की लेकिन नहीं गिरा पाए और चार महीने तक अस्थिरता का माहौल प्रदेश में बनाया. मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि विपक्ष को सत्ता की लालसा नहीं रखनी चाहिए.प्रदेश में ऑपरेशन लॉट्स पूरी तरह विफल हो गया है. विपक्ष सत्ता में आने का शॉर्ट कट न ढूंढे और सकारात्मक विपक्ष की भूमिका निभाए. सरकार स्थिर होने के बाद अब वितीय मोर्चे पर काम करेगी.
हिन्दुस्थान समाचार