नई दिल्ली: दिल्ली हाई कोर्ट के जस्टिस अनूप कुमार मेंहदीरत्ता की बेंच ने आम आदमी पार्टी की राज्यसभा सदस्य स्वाति मालीवाल के साथ मारपीट मामले में बिभव कुमार की जमानत याचिका खारिज कर दी है. कोर्ट ने 10 जुलाई को फैसला सुरक्षित रख लिया था.
हाई कोर्ट की वेकेशन बेंच ने 14 जून को बिभव की जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी किया था. बिभव कुमार ने तीस हजारी कोर्ट की ओर से जमानत याचिका खारिज करने के आदेश को हाई कोर्ट में चुनौती दी थी. तीस हजारी कोर्ट ने 7 जून को बिभव कुमार की दूसरी जमानत याचिका खारिज की थी. तीस हजारी कोर्ट ने कहा था कि इस मामले की जांच अभी प्रारंभिक चरण में है और पीड़िता के दिलो दिमाग में अपनी सुरक्षा को लेकर खतरा है. तीस हजारी कोर्ट ने कहा था कि स्वाति मालीवाल आम आदमी पार्टी की सांसद हैं और वो अपनी पार्टी के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से मिलने गई थीं. कोर्ट ने कहा था कि इस बात की भी आशंका है कि अगर बिभव कुमार को जमानत दी जाती है तो वो गवाहों को प्रभावित कर सकता है.
दिल्ली पुलिस ने 18 मई को बिभव कुमार को गिरफ्तार किया था. इस मामले में स्वाति मालीवाल ने 17 मई को कोर्ट में अपना बयान दर्ज कराया था. घटना 13 मई की है. दिल्ली पुलिस ने 16 मई को स्वाति मालीवाल का बयान दर्ज कर एफआईआर दर्ज किया था. बिभव कुमार ने हाई कोर्ट में एक और याचिका दायर करके अपनी गिरफ्तारी को चुनौती दी है, जिस पर हाई कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा हुआ है. बिभव कुमार ने अपनी गिरफ्तारी को चुनौती देते हुए मुआवजे की मांग की है. बिभव कुमार ने कहा है कि उनकी गिरफ्तारी करते समय अपराध प्रक्रिया संहिता की धारा 41ए का पालन नहीं किया गया है.
हिन्दुस्थान समाचार