Hathras Stampede: उत्तर प्रदेश के हाथरस में 2 जूलाई को सत्संग के दौरान मची भगदड़ से 121 लोगों की मौत हो गई थी. जिसके बाद मुख्यमंत्री योगी के आदेश पर प्रदेश सरकार की विशेष जांच टीम (एसआईटी) ने जांच की और 850 पन्नों की एक रिपोर्ट तैयार कर प्रशासन को सौंपी. जिसमें 128 लोगो के बयान दर्ज है. एसआईटी की इस रिपोर्ट के अनुसार सत्संग आयोजकों को इस हादसे का दोषी ठहराया गया है, लेकिन रिपोर्ट में भोले बाबा यानी सूरजपाल जाटव का जिक्र तक नहीं है. जिसको लेकर बहुजन समाज (बसपा) की सुप्रीमो ने सवाल उठाए हैं और इसे राजनीति से प्रेरित बताया है. साथ ही उन्होंने कहा कि बाबा की भूमिका को लेकर सूपी सरकार की चुप्पी को चिंता का कारण बताया है.
हाथरस हादसे में भोले बाबा पर कार्रवाई न करने को लेकर प्रदेश सरकार पर निशाना साधा. बसपा सुप्रीमो ने अपने एक्स हैंडल पर बुधवार को पोस्ट कर लिखा कि यूपी के जिला हाथरस में सत्संग भगदड़ कांड में हुई 121 निर्दोष महिलाओं व बच्चों की दर्दनाक मौत सरकारी लापरवाही का जीता-जागता प्रमाण है, लेकिन एसआईटी की ओर से सरकार को पेश रिपोर्ट घटना की गंभीरता के हिसाब से नहीं होकर राजनीति से प्रेरित ज्यादा लगती है, यह अति-दुखद है.
उन्होंने आगे लिखा कि इस अति-जानलेवा घटना के मुख्य आयोजक भोले बाबा की भूमिका के संबंध में एसआईटी की खामोशी भी लोगों में चिंताओं का कारण है. साथ ही, उसके विरुद्ध कड़ी कार्रवाई के बजाय उसे क्लीनचिट देने का प्रयास खासा चर्चा का विषय है. सरकार जरूर ध्यान दे ताकि ऐसी घटनाएं दोबारा न हों.
1. यूपी के ज़िला हाथरस में सत्संग भगदड़ काण्ड में हुई 121 निर्दोष महिलाओं व बच्चों आदि की दर्दनाक मौत सरकारी लापरवाही का जीता-जागता प्रमाण, किन्तु एसआईटी द्वारा सरकार को पेश रिपोर्ट घटना की गंभीरता के हिसाब से नहीं होकर राजनीति से प्रेरित ज्यादा लगती है, यह अति-दुःखद। 1/2
— Mayawati (@Mayawati) July 10, 2024
बता दें कि मुख्यमंत्री योगी ने एसआईटी की रिपोर्ट के बाद बड़ा एक्शन लेते हुए स्थानीय सब डिविजनल मजिस्ट्रेट (एसडीएम), एक सर्किल अधिकारी और चार अन्य को सस्पेंड कर दिया.