शिमला: हिमाचल प्रदेश में हो रही व्यापक बारिश के कारण जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. राज्य में बिजली, पानी और सड़क सेवाएं प्रभावित हुई है. सूबे के कई इलाके अंधेरे में डूब गए हैं. राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र की ओर से जारी रिपोर्ट के अनुसार प्रदेश में 236 बिजली के ट्रांसफार्मर बंद हो गए हैं. इससे कई गांवों में अंधेरा पसर गया है और लोगों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.
मंडी जिला में सबसे ज्यादा बिजली के ट्रांसफार्मर बंद है. रिपोर्ट के अनुसार मंडी जिला में 132, चम्बा में 44, कुल्लू में 43 और किन्नौर में 17 ट्रांसफार्मर बंद है. बिजली व्यवस्था के अलावा हिमाचल के अधिकांश इलाकों में पेयजल आपूर्ति भी बंद हो गई है. प्रदेश में 19 पेयजल स्कीमें बंद है. इनमें चंबा में 16 और शिमला में तीन पेयजल स्कीमें बंद है.
बिजली और पानी के अलावा प्रदेश में यातायात व्यवस्था भी प्रभावित है. प्रदेश में भू-स्खलन के कारण 77 सड़कें बंद हो गई है. इन सड़कों के बंद होने से यातायात व्यवस्था ठप है.
राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र की ओर से मंडी जिला में सबसे ज्यादा 67 सड़कें बंद हैं जबकि चम्बा में सात और कांगड़ा, शिमला व लाहौल-स्पीति में एक-एक सड़क अवरुद्ध है.
मौसम विभाग के अनुसार बीते 24 घण्टों में पालमपुर में सबसे ज्यादा 130 मिलीमीटर वर्षा रिकार्ड हुई है. इसके अलावा कटुआला में 110, बैजनाथ में 90, जोगिन्दरनगर में 60, मंडी व कोटली में 40-40, कुफरी, चौपाल, कोटखाई, शिलारू औऱ धर्मशाला में 30-30, कसौली, मनाली, नारकंडा, खदरला, पण्डोह, रोहड़ू और कांगड़ा में 20-20 मिलीमीटर वर्षा हुई है.
मौसम विभाग के अनुसार राज्य में अगले छह दिन तक मौसम खराब रहने की संभावना है. अगले 24 घण्टों में कई हिस्सों में भारी बारिश होने का येलो अलर्ट जारी किया गया है. इसके बाद भारी वर्षा में कमी आएगी. हालांकि मौसम विभाग ने सात से 11 जुलाई तक आसमानी बिजली गिरने का येलो अलर्ट जारी किया है. मौसम विभाग ने अलर्ट के मददेनजर लोगों खासतौर पर सैलानियों को सचेत रहने को कहा है. सैलानियों के साथ यात्रियों व आम जनता को भूस्खलन संभावित इलाकों और नदी-नालों के समीप न जाने की हिदायत दी गई है.
हिन्दुस्थान समाचार