मंडी: मॉनसून की शुरूआत ने ही प्रदेश को जलथल कर दिया. शुरूआत बड़े रौद्र रूप से हुई है ऐसे में पिछले साल की याद करके लोग पहले ही सहमे हुए हैं मगर अब डर और बढ़ गया है. मंडी जिले की बात करें तो दो दिन की बरसात ने कहर बरपाया है. सुकेती खड्ड गुरूवार को खतरनाक तरीके से उफान पर आई और बल्ह घाटी में हजारों एकड़ जमीन की फसल पर पानी फेरते हुए निकली. टमाटर की फसल को बड़ा नुकसान हुआ है. निर्माणाधीन मंडी मनाली फोरलेन पर निर्माण की गुणवता पूरी तरह से बेनकाव हो गई है.
पंडोह बांध के नजदीक एनएचएआई ने 50 करोड़ से भी अधिक खर्च करके 6 महीने तक यातायात को बाइपास करके डंगा लगाया और सड़क बहाल की मगर उसमें पहली ही बरसात में दरारें आ गई. मंडी से आगे चार मील के पास एक डंगा सड़क से खिसकते हुए ब्यास नदी के पास जा पहुंचा. लगातार ल्हासे गिर रहे हैं. प्रशासन की मलबा हटाने की जो चेतावनी दी उसका कोई असर मौका पर देखने को नहीं मिला.
इधर, मंडी कोटली मार्ग पर इतना भूस्खलन हुआ है कि वाहन चलाना मुश्किल हो गया है. यहां पर अटारी जालंधर हमीरपुर मंडी मनाली लेह राष्ट्रीय मार्ग 3 का काम चला हुआ है जिसकी निर्माण गुणवत्ता संदेह में है. मंडी के पास सुंदरनगर मार्ग पर पुलघराट में चट्टानें आने से घंटों तक रास्ता बंद रहा. हजारों वाहन फंसे रहे. मंडी रिवालसर मार्ग जिसका टू लेन बनाने का काम चल रहा है की कटिंग के कारण गजनोहा में युगल किशोर शर्मा का मकान खतरे में आ गई है. बेतरतीब कटिंग के कारण यहां पर भारी भूसख्लन हुआ है. लोक निर्माण विभाग की पोल तो बुरी तरह से खुली है. किसी भी सड़क पर बरसात का पानी नालियों से होकर न गुजर कर सड़कों से होकर बहा जिससे सारा मलबा सड़कों पर आ गया तथा सड़कें टूटने लगी हैं. पिछले बरसात के बाद नालियों की निकासी का कोई काम नहीं हुआ, भले ही लोक निर्माण मंत्री ने कई बार विभाग को इस बारे में आदेश जारी किए हैं.
मंडी केहनवाल मार्ग जिसका दो किलोमीटर हिस्सा नेशनल हाइवे का है की दुर्गति देखते ही बनती है. यह मार्ग नाले में बदल चुका है. मंडी के सभी पर्यटन स्थलों के मार्ग लगभग बाधित हो चुके हैं. पाराशर जाने वाली सड़क बागी के पास बह गई है और रास्ता बंद है.
इधर, अतिरिक्त उपायुक्त मंडी रोहित राठौर ने बताया कि दो दिनों की बरसात में जिला में 162 सड़कें अबरूद्ध हो गई थीं. जिन्हें बहाल करने का कार्य युद्धस्तर पर जारी है. अब तक 103 सड़कों को बहाल कर दिया गया है. शेष 59 सड़कों को भी शीघ्र बहाल कर दिया जाएगा.
रोहित राठौर ने बताया कि गत दो दिनों में मंडी में काफी ज्यादा बारिश रिकार्ड की गई. इस अवधि में प्रदेश में सबसे ज्यादा बारिश सुन्दरनगर में 100 मीमी रिकार्ड की गई है. मंडी जिला में दो दिनों की बारिश में लोक निर्माण, जल शक्ति, विद्युत विभाग को 10.81 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है. उन्होंने बताया कि वीरवार को मंडी-पंडोह सड़क पर चार मील स्थान पर ढंगे के टूट जाने पर थोड़ी देर के लिए वाहनों की आवाजाही बाधित हुई थी. जिसे पुनः सुचारू कर दिया गया है.
हिन्दुस्थान समाचार