शिमला: हिमाचल प्रदेश में हो रही मानसूनी वर्षा से सामान्य जनजीवन पर असर पड़ रहा है. राज्य के विभिन्न हिस्सों में बीती रात हुई जोरदार वर्षा हुई. मंडी जिला में सबसे ज्यादा बरसात हुई. बादलों के लगातार बरसने से भूस्खलन की घटनाएं सामने आई हैं. इससे पांच दर्जन सड़कों के अवरुद्ध होने से परिवहन व्यवस्था चरमरा गई है. बारिश के साथ अंधड़ चलने व बिजली चमकने से सैंकड़ों ट्रांसफार्मर खराब पड़ गए हैं और कई इलाकों में बिजली की आपूर्ति ठप हो गई है.
राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के अनुसार बुधवार सुबह तक भूस्खलन से एक नेशनल हाइवे और 63 सड़कें अवरुद्ध हैं. इसके अलावा 319 ट्रांसफार्मर बंद हैं. लाहौल-स्पीति जिला में रोहतांग से सरचू जाने वाला नेशनल हाइवे-तीन दारचा से सरचू के बीच भूस्खलन से ठप है. मंडी जिला में सबसे ज्यादा 62 और कांगड़ा जिला में एक सड़क अवरुद्ध है. मंडी जिला के सिराज उपमण्डल में 30, थलौट में 20, करसोग में 11 और सुंदरनगर में 1 सड़क बंद है. इसी तरह कांगड़ा जिला के इंदौरा उपमंडल में एक सड़क अवरुद्ध है.
रिपोर्ट के अनुसार चम्बा जिला में सबसे ज्यादा 128 ट्रांसफार्मर खराब पड़े हैं. इसी तरह मंडी में 126, ऊना में 30, कुल्लू में 24 और किन्नौर में 11 ट्रांसफार्मरों के खराब होने की वजह से बिजली गुल है.
मौसम विभाग ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि बीती रात मंडी जिला के कटौला में सर्वाधिक 154 मिलीमीटर वर्षा रिकार्ड हुई है. इसी तरह पण्डोह में 106, सुजानपुर टीहरा में 80, गोहर में 55, जोत में 54, धर्मशाला में 48, काहू में 46, मशोबरा में 45, बागी में 40, मलरान में 35, मंडी में 34, बदलद्वारा में 32 और सुंदरनगर में 30 मिमी वर्षा हुई है. राजधानी शिमला में देर रात हुई बारिश के बाद बुधवार को घनी धुंध छाई हुई है.
मौसम विभाग के पूर्वानुमान के अनुसार राज्य में लगभग एक हफ्ते तक मौसम खराब रहने की संभावना है. इस दौरान कई हिस्सों में तेज हवाओं के साथ बारिश होने की आशंका है. मौसम विज्ञान केंद्र शिमला ने नौ जुलाई तक वर्षा व वज्रपात का येलो अलर्ट जारी किया है. सात जुलाई तक भारी वर्षा की चेतावनी दी गई है. मौसम विभाग ने अलर्ट के मददेनजर लोगों खासतौर पर सैलानियों को सचेत रहने को कहा है. सैलानियों को भूस्खलन संभावित इलाकों और नदी-नालों के समीप न जाने की हिदायत दी गई है.
हिन्दुस्थान समाचार