शिमला: कारगिल युद्ध में शहीद हुए सौरभ कालिया की आज 48वीं जयंती हैं. आज (शनिवार) शहीद सौरभ कालिया की जन्म तिथि पर भाजपा सांसद और एक्ट्रेस कंगना रनौत ने उन्हें याद किया है. कंगना ने अपने सोशल मीडिया हैंड़ल एक्स पर पोस्ट कर लिखा कि सौरभ कालिया हो या फिर विक्रम बत्रा हमारे लड़कों की बहादुरी, युद्ध कौशल और दृढ़ संकल्प अनुकरणीय है, फिर भी हिमाचल में हमें कभी भी किसी तरह का दंगा, झगड़ा या लड़ाई देखने को नहीं मिलती क्योंकि हमारे लोग विनम्र, शर्मीले, वास्तव में समझदार और दयालु लोग हैं, फिर भी एक समुदाय के रूप में हमें देश भर में केवल घरेलू सहायकों के रूप में प्रचारित किया जाता है. ना हम लोगों के जवानों को क्रेडिट मिलता है ना हम लोगों में किसानों को क्रेडिट मिलता है… जैसे कि हमारा खून खून नहीं है. सौरभ कालिया एक गुमनाम नायक क्यों हैं? सिर्फ इसलिए कि वह हिमाचली हैं? साथ ही पोस्ट के जरिए कंगना ने सरकारों पर भी सवाल उठाए हैं, जबकि पिछले 10 वर्षों से उनकी ही पार्टी की सरकार सत्ता में हैं.
https://x.com/KanganaTeam/status/1806925047518699875
शहीद सौरभ कालिया को न केवल कंगना ने बल्कि करगिल वॉर में हीरो रहे ब्रिगेडियर (रि.) खुशाल ठाकुर ने भी याद किया. ब्रिगेडेयिर खुशाल ठाकुर मंडी जिले से संबंध में रखते हैं और करगिल युद्ध में उनकी भी अहम भूमिका थी. युद्ध के दौरान वो कर्नल के पद पर थे और साथ ही उन्होंने कंपनी को भी कमांड किया था.
बता दें कि कैप्टन सौरभ कालिया का जन्म 29 जून 1976 को पंजाब के अमृतसर में हुआ था. उनका पैतृक गांव हिमाचल के पालमपुर में है. वे कारगिल युद्ध के पहले शहीद हैं. दिसंबर 1998 में आईएमए से ट्रेनिंग के बाद फरवरी 1999 में उनकी पहली पोस्टिंग कारगिल में 4 जाट रेजीमेंट में हुई थी. फौज में चार महीने की सेवा के दौरान ही उनका सामाना दुश्मनों से हुआ था. दुश्मन ने उन्हें अमानवीय यातनाएं दी थी. 20 दिनों के बाद उनका पार्थिव शरीर क्षत-विक्षत हालत में मिला था.