शिमला: हिमाचल प्रदेश की सुक्खू सरकार द्वारा पिछले साल विधानसभा के मानसून सत्र में पारित बागवानी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों की नियुक्तियों के विधेयक को लेकर हिमाचल राजभवन और कांग्रेस की सुक्खू सरकार में ठन गई है. सूबे के कृषि मंत्री के हालिया बयान पर राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने आपत्ति जताई है.
राज्यपाल ने गुरूवार को राजभवन में अचानक पत्रकार वार्ता बुलाई और कहा कि पालमपुर कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति की नियुक्ति को लेकर कृषि मंत्री बार-बार बयान दे रहे हैं कि नियुक्ति को लेकर विधेयक मंजूरी के लिए राजभवन में अटका है, जबकि यह विधेयक सरकार के पास ही है. राजभवन ने इसे टिप्पणी के लिए राज्य सरकार को भेजा है, जिस पर सरकार ने फैसला लेना है, ऐसे में राजभवन पर दोषारोपण करना गलत है.
राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने कहा कि कृषि मंत्री यह भी कह रहे हैं कि राजभवन में राज्यपाल के पास बिल को लेकर पत्रावली पड़ी है लिहाजा नियमित कुलपति की नियुक्ति नहीं हो पा रही है.
राज्यपाल ने स्पष्ट किया कि राजभवन की तरफ़ से इसमें कोई देरी नहीं हुईं है. विधेयक में सरकार संशोधन कर रही है कि सरकार की सहमति के आधार पर कुलपति की नियुक्ति की जाए क्योंकि पैसा सरकार देती है इसलिए जो नाम सरकार भेजे उसे ही राज्यपाल अपनी सहमति दें जबकि नियमों में ऐसा नहीं है.
राज्यपाल ने कहा कि नियमों के मुताबिक यूजीसी, राज्यपाल और सरकार तीनों के प्रतिनिधि की सहमति से कुलपति की नियुक्ति होती है. ऐसा देश में किसी भी राज्य में कोई प्रावधान नहीं है हिमाचल में ही पहली बार ऐसा होगा. ऐसी स्थिति में विधेयक पहली बार राष्ट्रपति को भेजने पर राजभवन विचार करेगा.
उन्होंने आगे कहा कि राजभवन ने कुलपतियों की नियुक्ति के लिए पुराने नियमों के अनुसार ही कमेटी का गठन किया है जो कुलपति को खोजने का काम कर रही है लेकिन एक साल से कुलपति खोज नहीं सकी है. कुलपति की नियुक्ति न होने में राजभवन का कोई दोष नहीं है. मामला हाई कोर्ट में विचाराधीन है. राज्यपाल ने कहा कि मैं नियम के विरुद्ध कोई भी काम नहीं करूंगा, राज्यपाल के पद की गरिमा बनाए रखने के लिए कुछ भी करूंगा. यह विधेयक सरकार के पास ही है और सरकार को ही उसमें निर्णय लेना है.
सुक्खू सरकार ने पिछले साल पारित किया है संशोधन विधेयक
बता दें कि सुक्खू सरकार ने हिमाचल प्रदेश कृषि बागवानी और वानिकी विश्वविद्यालय (संशोधन) विधेयक, 2023 को पिछले साल हिमाचल विधानसभा के मानसून सत्र में पारित किया है. इसके तहत दोनों विवि में कुलपति के चयन के नियमों में बदलाव किया गया है. कृषि विश्वविद्यालय पालमपुर और उद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय नौणी, सोलन में कुलपति की नियुक्ति अब अकेले राज्यपाल नहीं कर पाएंगे. इसमें प्रदेश सरकार की सलाह और सहायता लेनी होगी. दोनों विवि में कुलपति के चयन के नियमों में बदलाव किया गया है. विधेयक में प्रावधान है कि राजभवन बिना सरकार की सहमति लिए अपने स्तर पर कुलपति का चयन नहीं कर सकता.
हिन्दुस्थान समाचार