नई दिल्ली: ताजिकिस्तान कि संसद ने हिजाब और बुर्के पर अधिकारी रोक लगा दी है. जब्कि वे 90 प्रतिशत से अधिक मुस्लिम आबादी वाला देश है.
बता दें कि बुधवार (19 जून 2024) को हिजाब और बुर्के पर रोक लगाने के लिए विधेयक पारित किया गया. ये विधेयक देश की संसद के उच्च सदन ‘मजलिसी मिल्ली’ के 18वें सत्र के दौरान पारित हुआ. इस कानून के तहत दो सबसे अहम इस्लामी त्योहारों (ईद अल-फितर और ईद अल-अजहा) के दौरान ‘विदेशी परिधानों’ और बच्चों के उत्सवों पर भी रोक लगा दी गई है.
ताजिकिस्तान में यदि कोई भी व्यक्ति इन नए नियमों का सही से पालन नहीं करता है तो उसके लिए सजा का भी प्रावधान किया गया है. अगर कोई मुस्लिम महिला बुर्का और हिजाब पहने दिखई दी तो उन पर ताजिक मुद्रा 7,920 सोमोनी तक और कंपनियों पर 39,500 सोमोनी तक का जुर्माना लगा सकता है. वहीं सरकारी अधिकारियों को 54,000 सोमोनी और मौलवियों को 57,600 सोमोनी तक का भी जुर्माना देना पड़ सकता है.
बता दें कि ताजिकिस्तान में विवाह और अत्येष्टि भोज पर भी रोक है. इसके अलावा इस्लामिक किताबों की बिक्री और दाढ़ी रखने पर भी प्रतिबंध है. यदि कोई व्यक्ति दाढ़ी रखते हुए पाया जाता है, तो उस पर कड़ी कार्रवाई की जाती है। ऐसे में ताजिकिस्तान की सरकार का हिजाब और बुर्के पर रोक लगाने का फैसला काफी चौंकाने वाला है.