ऊना: सकारात्मक जीवन के लिए योग और फिटनेस का बहुत महत्व है. आध्यात्मिक, मानसिक और शारीरिक स्थिरता के लिए योग को अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाना चाहिए. 10वें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के उपलक्ष्य पर ऊना में आयुष विभाग द्वारा आयोजित जिला स्तरीय योगाभ्यास कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए उपायुक्त जतिन लाल ने यह शब्द कहे. आयुष विभाग ने यह कार्यक्रम एसबीआई, नेहरू युवा केंद्र, केसीसी बैंक और रेडक्रॉस के साझे सहयोग से आयोजित किया था.
जतिन लाल ने कहा कि हमारी रोजमर्रा की खानपान की आदतें और अव्यवस्थित जीवन शैली का शरीर पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है और इनके चलते धीरे धीरे शरीर हमारा साथ छोड़ने लगता है. बहतु सी बीमारियां व्यक्ति को घेर लेती हैं. वहीं युवा नशे की जकड़ में आ जाते हैं. ऐसी परिस्थितियों से बचाव में योग और फिटनेस का बहुत महत्व है. योग तथा व्यायाम जीवन में एक सकारात्मक परिवर्तन लाते हैं. इनसे आप शरीर में अच्छे बदलाव देखते हैं, जिससे प्रेरणा पाकर व्यक्ति प्रोत्साहित अनुभव करता है.
उन्होंने कहा कि शरीर सबसे पवित्र मंदिर है. इसे अच्छा बनाना सबसे बड़ा काम है. आवश्यक है कि योग और व्यायाम को हम सब अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाते हुए प्रतिदिन इसका अभ्यास करें.
उपायुक्त ने कहा कि योग भारत की विश्व को अमूल्य भेंट है, जिससे प्रत्येक व्यक्ति अपने जीवन को सार्थक बना सकता है. योगाभ्यास से केवल शारीरिक स्वास्थ्य ही नहीं बल्कि आध्यात्मिक, मानसिक और वैचारिक स्वास्थ्य भी ठीक रहता है. उन्होंने कहा कि इसकी उपयोगिता और आवश्यकता को समझते हुए संयुक्त राष्ट्र ने भारत के आग्रह पर 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के रूप में घोषित किया.
कार्यक्रम में जिला आयुष अधिकारी किरण शर्मा और डॉ. जगजीत कौर ने योगाभ्यास करवाया. इसमें उपायुक्त जतिन लाल के साथ पुलिस अधीक्षक राकेश सिंह, प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता विजय डोगरा, जिला युवा सेवाएं एवं खेल अधिकारी उत्तम डौड, रेडक्रॉस के सचिव संजय सांख्यान, नेहरू युवा केंद्र के जिला युवा अधिकारी प्रदीप कुमार, एसबीआई की क्षेत्रीय प्रबंधक संजू बंगा सहित अन्य अधिकारियों तथा समाज के विभिन्न वर्गों के लोगों ने सामूहिक योगाभ्यास में भाग लिया.
हिन्दुस्थान समाचार