आईआईटी बॉम्बे ने फ्रीडम ऑफ एक्सप्रेशन के नाम पर ‘राहोवन’ नाम के नाटक के जरिए प्रभु राम और माता सीता का अपमान करने के मामले में कार्रवाई की है. आईआईटी ने आरोपी एक छात्र पर 1.2 लाख रुपए का जुर्माना लगाया है. आरोपी छात्र को यह राशि 20 जुलाई तक हर हाल में भरनी होगी और आगर जुर्माने का उल्लंघन किया तो भी कड़ा दंड दिया जाएगा.
आईआईटी बॉम्बे ने यह नोटिस अपने सोशल मीडिया हैंड़ल एक्स ‘आईआईटी बी फॉर भारत’ पर शेयर किया है. बताया जा रहा है कि राहोवन नाटक में शामिल रहे 8 छात्रों के खिलाफ एक्शन लिया गया है. इस मामने में पढ़ाई पूरी कर चुके छात्रों पर अधिक जुर्माना लगाया गया है, जबकि जो आरोपी छात्र अभी अपनी पढ़ाई कर ही रहे हैं उनपर कम जुर्माना लगाया गया है. साध ही इन छात्रों को हॉस्टल से बाहर निकाल दिया है.
यह है पूरा मामला
दरअसल, यह मामला साल 2024 मार्च 31 का है. इस दिन आईआईटी बॉम्बे के ओपन एय़र थिएटर में ‘राहोवन’ नाम के नाटक मंचन किया गया. इस नाटक में हिंदू धर्म और संस्कृति के साथ-साथ भगवान राम, सीता माता और लक्ष्मण के प्रति न केवल अपमानजनक और अश्लील भाषा का प्रयोग किया गया. इस नाटक में भगवान राम को शैतान के रूप में वर्णित किया गया था. इसमें छात्रों ने यह बताने की कोशिश की कि भगवान राम ने माता सीता के साथ हिंसक व्यवहार किया था.
इस नाटक में ये भी बताया गया था कि सीता माता अपने अपहरण के बाद रावण के साथ खुश थीं. इसमें माता सीता का किरदार निभा रही महिला कहती है बढ़िया हुआ रावण उन्हे अपने साथ ले गया. इस नाटक का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल होने लगा. जिसको देखने को बाद लोगों ने इसका जमकर विरोध करना शुरू कर दिया. जिसपर आईआईटी बॉम्बे ने एक कमेटी गठित की और 8 मई को अनुशासन समिति की बैठक भी बुलाई गई. जांच के बाद छात्रों को सनातन धर्म का अपमान करने के जुर्म में दोषी पाया गया. इस के बाद 4 जून को छात्र को जुर्माने का नोटिस भेजा गया. उल्लेखनीय है कि आईआईटी वैश्विक क्यूएस रैंकिंग-2025 में भारतीय संस्थानों में सबसे टॉप पर था.