शिमला: मुख्य विपक्षी दल भाजपा ने कांग्रेस की सुक्खू सरकार को पति, पत्नी और मित्रों की सरकार करार दिया है. भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डाॅ. राजीव बिन्दल ने बुधवार को कहा कि यह सरकार कांग्रेस के लिए भी नहीं है, केवल और केवल अपने परिवार व मित्रों के लिए है.
डॉ. बिन्दल ने कहा कि हिमाचल में तीन विधानसभा क्षेत्रों- देहरा, हमीरपुर और नालागढ़ के उपचुनाव हो रहे हैं और उपचुनावों के बीच मुख्यमंत्री कैबिनेट बैठक कर देहरा में पुलिस जिला बनाने की घोषणा कर रहे हैं. इससे बड़ा संविधान का उल्लंघन और क्या हो सकता है. यह तो संविधान के पन्नों का फाड़कर रद्दी में फेंकने जैसा है और चुनाव आयोग हाथ पर हाथ धर के मूकदर्शक बनकर बैठा है. लोकसभा चुनावों में और उपचुनावों में चुनाव आयोग की भूमिका किसी भी प्रकार से निष्पक्ष नहीं है और इन चुनावों में चुनाव आयोग की कार्यप्रणाली पर बहुत बड़ा प्रश्न चिह्न लगा है.
बिन्दल ने सरकार से पूछा कि यदि मुख्यमंत्री की पत्नी देहरा से चुनाव न लड़तीं तो क्या वो देहरा को पुलिस जिला घोषित करते? और क्या कांगड़ा के बारे में उनकी यही नीति है. यदि कुछ करना ही था तो कुछ बड़ा करते, देहरा को जिला ही बना देते लेकिन यह केवल जनता की आंखों में धूल झोंकने का काम है, यह केवल वोट प्राप्त करने की योजना है. यदि मुख्यमंत्री को ससुराल की इतनी ही चिंता थी तो डेढ़ वर्ष के कार्यकाल में देहरा में मैडिकल काॅलेज खुल जाता, मेडिकल यूनिवर्सिटी खुल जाती और न जाने क्या-क्या काम हो जाते, परन्तु सवाल तो यह है कि पिछले डेढ़ साल में मुख्यमंत्री के अपने गृह क्षेत्र नादौन में कुछ नहीं हुआ तो देहरा में क्या होगा. यह केवल चुनाव की दृष्टि से दिया गया बयान है और हम चुनाव आयोग से स्पष्ट कहना चाहते हैं कि वो चाहे विभिन्न प्रकार की योजनाओं की घोषणा हो, भर्तियों की घोषणा हो खुले तौर पर चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन है और केवल वोटों को प्रभावित करने के लिए की गई राजनीति का हिस्सा है.
प्रदेश अध्यक्ष बिन्दल ने कहा कि इस प्रकार के हथकंडों से कोई लाभ कांग्रेस को मिलने वाला नहीं है. अब देहरा की जनता यह समझ चुकी है आप किस लिए वहां चुनाव लड़ने के लिए पहुंचे हैं. हिमाचल में पानी के लिए त्राहि-त्राहि मची हुई है लेकिन सरकार कैबिनेट में इसकी कोई चर्चा नहीं करती है, जंगल के जंगल जलकर राख हो रहे हैं लेकिन कैबिनेट में इसकी कोई चिंता नहीं होती.
हिन्दुस्थान समाचार