कुल्लू: हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिले के मुख्यालय रघुनाथपुर में एकादशी के दिन भगवान रघुनाथ के सम्मान में जल विहार उत्सव का आयोजन किया गया. इस अवसर पर भगवान रघुनाथ ने जल में स्नान किया और अपने भक्तों को दर्शन दिए. इस मोके पर मणिकर्ण घाटी के आराध्य देवता काली नाग जोड़ा नारायण का देव रथ भी रघुनाथपुर पहुंचा और श्रद्धालुओं के द्वारा देवता का भी जबरदस्त स्वागत किया गया.
बता दे कि देव प्रक्रिया समाप्त होने के बाद भगवान रघुनाथ को मंदिर से बाहर लाया गया. यहां पुजारी ने पूरे विधि- विधान के साथ उनकी पूजा की. वहीं, इस मौके पर भगवान रघुनाथ के छड़ी बरदार महेश्वर सिंह विशेष रूप से मौजूद रहे और भक्तों ने भजन कीर्तन का भी आयोजन किया. भगवान रघुनाथ के मंदिर में पुजारी द्वारा भगवान रघुनाथ, हनुमान, शालिग्राम सहित अन्य सभी मूर्तियों को स्नान कर उनका श्रृंगार किया गया.
महेश्वर सिंह ने कहा कि भगवान रघुनाथ के मंदिर में जल विहार को मुख्य उत्सवों में शामिल किया गया है. इसके अलावा भगवान रघुनाथ के मंदिर में दशहरा, बसंत, अन्नकूट, वन विहार भी मुख्य उत्सवों की तरह बनाए जाते हैं. भगवान रघुनाथ को जल विहार उत्सव के दिन उन्हें गर्भगृह से बाहर निकाला जाता है और जल विहार में स्नान करने के बाद भगवान रघुनाथ वापस अपने गर्भगृह में विराजमान हुए. जल विहार में प्रयोग में लिए गए जल को लोग चरण अमृत के तौर पर ले जाते हैं. उन्होंने बताया कि इस दिन श्रद्धालुओं के द्वारा विशेष उपवास किया जाता है और घाटी के लोगों की भगवान रघुनाथ के प्रति काफी श्रद्धा है.
वहीं, जल विहार उत्सव देखने आए भक्तों का कहना है कि वो भगवान रघुनाथ के सभी प्रमुख उत्सवों में शामिल होते हैं. ऐसे में इस वर्ष भी में उन्होंने भगवान रघुनाथ के दर्शन किए और सुख शांति की कामना की.