शिमला: शहरी विकास मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने शुक्रवार को शहरी विकास विभाग की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की. इस दौरान विश्व बैंक की टीम ने विक्रमादित्य सिंह को शिमला जलापूर्ति तथा सीवरेज कार्यक्रम पर शिमला जल प्रबंधन निगम लिमिटेड द्वारा 250 मिलियन अमेरिकी डॉलर के अनुमानित खर्च से किए जा रहे कार्यों के बारे अवगत करवाया. टीम ने 872 करोड़ रुपये की लागत से कार्यान्वित की जा रही निर्बाध जलापूर्ति परियोजना के संचालन तथा रखरखाव की अवधि 15 साल बढ़ाने का आग्रह किया.
इस अवसर पर शिमला स्मार्ट सिटी परियोजना के तहत किए गए विभिन्न कार्यों की भी समीक्षा की गई. विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि प्रदेश सरकार इन कार्यों को और बेहतर बनाने के लिए वचनबद्ध है.
प्रधान सचिव, शहरी विकास देवेश कुमार ने प्रदेश में मण्डी, धर्मशाला, सोलन तथा पालमपुर नगर निगमों में शिमला जल प्रबंधन निगम लिमिटेड के विस्तार से सम्बंधित जानकारी मंत्री को दी. इस निर्णय के कार्यान्वयन के उपरांत शिमला जल प्रबंधन निगम लिमिटेड को हिमाचल जल प्रबंधन निगम लिमिटेड के रूप में जाना जाएगा.
विश्व बैंक की टीम का नेतृत्व कार्मन तथा तनुज माथुर ने किया. शिमला जल प्रबंधन निगम लिमिटेड के प्रबंध निदेशक वीरेंद्र सिंह ठाकुर, महाप्रबंधक राजेश कश्यप तथा निदेशक शहरी विकास गोपाल चंद भी इस अवसर पर उपस्थित थे.
हिन्दुस्थान समाचार