शिमला: हिमाचल प्रदेश में लोकसभा चुनाव के दौरान लगी आचार संहिता समाप्त हो गई है. जिसके बाद प्रदेश की कांग्रेस सरकार एक्शन में आ गई है. सुक्खू सरकार ने शिक्षकों के तबादले को लेकर एक बड़ा फैसला लिया है. प्रदेश में लोकसभा चुनाव के ऐलान होने से पूर्व शिक्षकों के तबादले को लेकर जारी डीओ नोट की प्रक्रिया पर रोक लगा दी गई है. ताकि चालू शैक्षणिक सत्र के बीच शिक्षकों के तबादले से स्कूलों में छात्रों की पढ़ाई पर असर न हो.
अब सरकार तबादलों के पुराने आवेदनों पर विचार नहीं करेगी. इस बारे में आदेश जारी कर दिए गए हैं. हिमाचल सरकार में शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने आचार संहिता हटते ही शिक्षा विभाग के कार्यों को लेकर सचिवालय में बैठक भी की है. जिसमें शिक्षकों के तबादले को चर्चा हुई. रोहित ठाकुर के अनुसार शिक्षकों के तबादले करने से संबंधित सैंकड़ों डीओ नोट शिक्षा निदेशालय पहुंचे हैं.
शिक्षा विभाग में आचार संहिता लगने से पहले तबादलों को लेकर होड़ मची थी. निदेशालय में हजारों की संख्या में डीओ आए थे, इसमें बहुत से शिक्षकों के तबादले चुनाव आचार संहिता पहले ही आवेदन कर चुके थे, लेकिन सैंकड़ों डीओ नोट पर चुनाव का ऐलान होने के बाद फैसला नहीं हो सका. अब 81 दिनों बाद आचार संहिता हटी है. ऐसे में शिक्षक भी तबादलों को लेकर सक्रिय हो गए हैं, लेकिन स्कूलों में शैक्षणिक सत्र प्रभावित ने हो, इसके लिए सरकार ने पुराने आवेदनों पर विचार न करने का निर्णय लिया है. शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने कहा कि चुनाव की घोषणा से पहले जारी तबादलों आवेदनों और डीओ नोट पर विचार नहीं किया जाएगा.
शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर के अनुसार शैक्षणिक सत्र के दौरान एक बार ही तबादले करने को लेकर योजना बनाई जाएगी. इस तरह से सिर्फ एक स्थान पर निर्धारित वक्त पूरा करने वाले शिक्षकों का तबादला लिया जाएगा. जिसपर सरकार विचार कर रही है. वहीं, शिक्षा मंत्री के निर्देशों पर शिक्षा निदेशालय ने भी सरकार के आदेशों को पालन करना शुरू किया है.