शिमला: हिमाचल प्रदेश के सभी छह सरकारी मेडिकल कॉलेजों में दिव्यांग विद्यार्थियों को अब निशुल्क शिक्षा दी जाएगी. इससे इन मेडिकल कॉलेजों के एमबीबीएस, एमडी, नर्सिंग एवं अन्य पाठ्यक्रमों के सैकड़ों दिव्यांग विद्यार्थियों को लाभ होगा. अटल मेडिकल एवं रिसर्च यूनिवर्सिटी ने 15 मई को इस बारे में आदेश जारी कर दिए हैं.
उमंग फाउंडेशन के अध्यक्ष अजय श्रीवास्तव ने बताया कि उनकी जनहित याचिका पर हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट ने 4 जून 2015 को राज्य के सभी दिव्यांग विद्यार्थियों को सरकारी संस्थानों में विश्वविद्यालय स्तर तक की निशुल्क शिक्षा का अधिकार दिया था, लेकिन चिकित्सा शिक्षा विभाग ने उसे लागू नहीं किया था. अन्य विश्वविद्यालयों और समान्य कॉलेज स्तर पर इसे लागू कर दिया गया. उन्होंने बताया कि पिछले वर्ष हाई कोर्ट के आदेश को लागू करने के लिए टांडा मेडिकल कॉलेज की व्हीलचेयर यूजर एमबीबीएस विद्यार्थी निकिता चौधरी ने आवाज उठाई थी. वह उमंग फाउंडेशन की सदस्य भी हैं. उन्हें हाई कोर्ट के आदेश के बाद दाखिला मिला था, लेकिन पूरी फीस वसूली जा रही थी.
श्रीवास्तव के अनुसार सभी मेडिकल कॉलेज दिव्यांग बच्चों को पांच प्रतिशत आरक्षण तो दे रहे हैं, लेकिन पिछले 9 वर्ष से हाई कोर्ट के आदेशों का उल्लंघन करके उनसे फीस भी ले रहे थे. अजय श्रीवास्तव ने यह मामला राज्यपाल, मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव के समक्ष भी उठाया था. उन्होंने मांग की कि दिव्यांग बच्चों से गैर कानूनी ढंग से वसूली गई फीस उन्हें तुरंत वापस की जाए.
इस पर चिकित्सा शिक्षा विभाग के निर्देश पर अटल मेडिकल एवं रिसर्च विश्वविद्यालय, मंडी के कुलपति ने 15 मई को इस बारे में आदेश जारी किए हैं. अजय श्रीवास्तव ने कहा कि राज्य के छह विश्वविद्यालय में कम से कम 120 दिव्यांग बच्चे एमबीबीएस कर रहे हैं. इनके अलावा पोस्ट ग्रेजुएशन, बीएससी नर्सिंग एवं अन्य पाठ्यक्रमों के सैकड़ों दिव्यांग बच्चों को राहत मिलेगी.
उल्लेखनीय है कि प्रदेश के शिमला में इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज, जिला कांगड़ा के टांडा में स्थित डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद मेडिकल कॉलेज, नेर चौक, मंडी का लाल बहादुर शास्त्री मेडिकल कॉलेज, हमीरपुर का डॉ. राधाकृष्णन मेडिकल कॉलेज, चंबा का जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज और नाहन के डॉ. यशवंत सिंह परमार मेडिकल कॉलेज में पढ़ाई करा रहे हैं.
साभार- हिन्दुस्थान समाचार