भारत में डेंगू बीमारी चुनौती बनी हुई है. यह एडीज प्रजाति के मच्छरों के काटने से तेजी से फैलती है, यह फ्लू जैसी खतरनाक होती है. डेंगू किसी भी आयु के व्यक्ति को हो सकता है. यह एक ऐसी बीमारी है जिसमें प्लेटलेट्स लगातार गिरने लगते हैं. डेंगू के मामलों में बढ़ोतरी और इस बीमारी की गंभीरता को देखते हुए भारत हर वर्ष 16 मई को राष्ट्रीय डेंगू दिवस मनाया जाता है. आइए जानते हैं राष्ट्रीय डेंगू दिवस के इतिहास और उद्देश्य के बारे में विस्तार से.
राष्ट्रीय डेंगू दिवस का इतिहास और उद्देश्य
डेंगू के प्रकोप को द्खते हुए और इसकी रोकथाम के लिए भारत के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा साल 2010 में ‘राष्ट्रीय डेंगू दिवस’ की शुरुवात हुई थी. पहली बार यह दिवस 16 मई 2010 को मनाया गया था. यह दिन भारत में बढ़ती डेंगू की समस्या का समाधान, सार्वजनिक जागरूकता और निवारक उपायों को बढ़ावा देने पर केंद्रित है.
इस दिन का प्राथमिक उद्देश्य डेंगू की बीमारी से बचने के उपाय , इसके लक्षण को पहचान कर सही इलाज कैसे किया जाए इसके बारे में जागरूक करना है. डेंगू के प्रति जनता को जागरूक करने के लिए सरकार द्वारा कई कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं. शिक्षा, जागरूकता और सामुदायिक भागीदारी के माध्यम से, इस बीमारी को रोकने का प्रयास किया जाता है.
डेंगू से बचाव के तरीके
1. डेंगू के संक्रमण से बचाव के लिए आसपास मच्छरों को पनपने न दें.
2. जमा पानी में डेंगू के लार्वा पैदा होने का खतरा ज्यादा होता है, इसलिए घर के आस-पास या कहीं भी पानी को जमा न रहने दें.
3. अपने आस पास साफ सफाई का विशेष ध्यान रखें.
4. सोते समय मच्छरदानी,मच्छर भगाने वाली दवाई (ऑल आउट) का प्रयोग करें.
5. बाहर जाते समय मॉस्किटोरेपेलेंट लगा के जाएं आर पूरी आस्तीन के कपड़े पहनें.
6. हल्के रंग के कपड़ें पहने क्योंकि ये मच्छरों को भगाने में मदद करतें हैं.
डेंगू के बारे में जानकारी
1. डेंगू का संक्रमण मुख्य रूप से एडीज एजिप्टी प्रजाति के मादा मच्छरों के काटने से होता है.
2. डेंगू के लक्षण आमतौर पर 2-7 दिन तक रहते हैं.
3. इस बीमारी में बुखार के कारण शरीर में प्लेटलेट्स की गिरावट तेजी होती है.
4. डेंगू चार अलग-अलग वायरस के कारण होता है, जिससे कई संक्रमणों का खतरा बढ़ जाता है.
5. डेंगू के लक्षण अन्य बीमारियों की तरह होते हैं, जिससे निदान चुनौतीपूर्ण हो जाता है.
6. गंभीर डेंगू से रक्तस्राव, अंग क्षति और सदमा हो सकता है.
7. कोई विशिष्ट एंटीवायरल उपचार नहीं है; देखभाल लक्षणों पर केंद्रित है.
8. विभिन्न प्रकार के वायरस के कारण डेंगू के लिए टीका विकसित करना जटिल है.
9. डेंगू के मच्छर खड़े पानी में पनपते हैं, जिससे शहरी क्षेत्र असुरक्षित हो जाते हैं.
10. पहले से डेंगू संक्रमण से पीड़ित कुछ लोग दोबारा संक्रमित होने पर गंभीर डेंगू विकसित कर सकते हैं.
11. डेंगू 100 से अधिक देशों में स्थानिक है, जिससे हर साल लाखों लोग प्रभावित होते हैं.
राष्ट्रीय डेंगू दिवस 2024 की थीम
वैसे तो हर साल डेंगू दिवस की एक खास थीम होती है. इस वर्ष भी राष्ट्रीय डेंगू दिवस 2024 की थीम ‘डेंगू की रोकथाम: सुरक्षित कल के लिए हमारी जिम्मेदारी’ तय की गई है.