मंडी: हिमाचल की राजनीति के दिगज रहे पं. सुखराम के बेटे एवं कांग्रेस के पूर्व प्रत्याशी रहे आश्रय शर्मा ने मंडी संसदीय क्षेत्र से कांग्रेस प्रत्याशी विक्रमादित्य सिंह पर पलटवार करते हुए कहा कि आज वे मंडी संसदीय क्षेत्र को लेकर प्राथमिकताएं गिना रहे हैं और सांसद बनने के बाद इस क्षेत्र को नंबर वन बनाने की बात करते हैं.
यहां पत्रकारों से बात करते हुए आश्रय शर्मा ने कहा कि विक्रमादित्य सिंह के पिताजी वीरभद्र सिंह और माता जी प्रतिभा सिंह तीन-तीन बार मंडी संसदीय क्षेत्र से सांसद रहे हैं. उन्होंने कहा कि तब क्यों नहीं बन पाया मंडी संसदीय क्षेत्र नंबर वन.
उन्होंने आरोप लगाया कि उनके परिवार की यही सोच रही है कि साधारण परिवार से कोई भी नेता आगे न बढ़े. इसी के चलते पूर्व मु यमंत्री रामलाल ठाकुर, पं. सुखराम, विद्या स्टोक्स, सत महाजन, आरएस बाली, विपल्लव ठाकुर, कौल सिंह ठाकुर और मु यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू उनके निशाने पर रहे. उन्होंने कहा कि जब कौल सिंह ठाकुर कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष थे, तो उन्हें इस पद से हटवाने के लिए वीरभद्र सिंह ने कांग्रेस पार्टी को धमकी दे डाली थी कि अगर कौल सिंह को नहीं हटाया गया तो वे एनसीपी में चले जाएगें.उन्होंने कहा कि अगर उस समय कौल सिंह ठाकुर अध्यक्ष बने रहते तो शायद मु यमंत्री भी बन सकते थे.
आश्रय शर्मा ने कहा कि विक्रमादित्य सिंह सनातन धर्म के ठेकेदार होने का दावा करते हैं और भाजपा की प्रत्याशी कंगना को होमवर्क करके आने की सलाह देते हैं. जबकि स्वयं अपने बयानों से लोगों को भ्रमित करने की कोशिश करते हैं. वे कहते हैं कि मंडी में देवसदन वीरभद्र सिंह की देन है. जबकि उनकी सरकार में मंत्री रहते हुए इसका प्रस्ताव अनिल शर्मा ने दिया था. उसी प्रकार मंडी की इंदिरा मार्किट को भी वीरभद्र सिंह की देन बताते हैं. जबकि यह पं. सुखराम की देन मंडी वासियों को है.
आश्रय शर्मा ने कहा कि हिमाचल में चार लोकसभा सीटों के साथ छह विधानसभा क्षेत्रों में उप चुनाव होने जा रहे हैं. कांग्रेस पार्टी और सरकार को अस्थिर करने और षडय़ंत्र रचने का श्रेय किसको जाता है. उन्होंने कहा कि सांसद प्रतिभा सिंह कह चुकी है कि केवल सांसद निधि बांटने से चुनाव नहीं जीता जा सकता है, सरकार ने कोई कार्य नहीं किए और कार्यकर्ताओं का मनोबल गिरा हुआ है. इसलिए वह चुनाव नहीं लड़ सकती है. उन्होंने तो यहां तक कहा है कि भाजपा की कार्यशैली कांग्रेस से बेहतर है. ये सब बातें ऑन रिकार्ड है.
आश्रय शर्मा ने कहा कि भाजपा की प्रत्याशी कंगना रनौत ने अपनी मेहनत नाम कमाया है. वे माता पिता के नाम पर राजनीति में नहीं आई है. एक तरफ विक्रमादित्य सिंह कंगना को बहन कहते हैं और दूसरी तरफ कहते हैं कि वह बीफ खाती है. अब कंगना से सवाल पूछे जा रहे हैं कि प्राकृतिक आपदा के समय वो कहां थी. उन्होंने कहा कि आपदा के समय कंगना राजनीति में नहीं थी. ये सरकार और राजनीतिज्ञों का काम है. उन्होंने आरोप लगाया कि स्वार्थ की राजनीतिक टूरिज्म का अड्डा इस परिवार ने मंडी को बना रखा है. चुनाव जीतने के बाद फिर लोगों की सुध नहीं लेते हैं. उन्होंने कहा कि विक्रमादित्य कांग्रेस का पटका छोड़ भगवा पहनने लगे हैं.
साभार- हिन्दुस्थान समाचार