शिमला: हिमाचल प्रदेश के पांच दिवसीय दौरे पर आईं राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने मंगलवार (07 मई) को मां तारादेवी और संकटमोचन मंदिर में माथा टेका और पूजा की. राष्ट्रपति ने अपने परिवार के सदस्यों के साथ मिलकर यहां पूजा की. इस दौरान उनके साख प्रदेश के राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल भी मौजूद रहे.
गौरतलब है कि द्रौपदी मुर्मू मां तारादेवी के दर्शन करने वाली पहली राष्ट्रपति बनी. वहीं संकटमोचन मंदिर जाने वाली दूसरी राष्ट्रपति बनी. उन्होंने मंदिर कमेटी द्वारा आयोजित भण्डारे को भी ग्रहण किया.
वहीं, तारा देवी मंदिर के ट्रस्टी रहे कमल स्वरूप वर्मा ने कहा कि तारा देवी में रविवार के दिन भंडारा देने के लिए पहले बुकिंग करनी पड़ती है. बुकिंग के बाद तीन से चार साल में भंडारे देने का नंबर आता है. इस मंदिर में मनोकामना पूरी होने पर लोग हर रविवार को भंडारे करते हैं. इसके लिए लोगों को भंडारे की पहले से ही बुकिंग करवानी पड़ती है और इसके बाद भंडारा देने के लिए दो से तीन साल का इंतजार करना पड़ता है.
अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी (प्रोटोकॉल) ज्योति राणा ने राष्ट्रपति को मंदिर के ऐतिहासिक महत्व के बारे में जानकारी दी. इसके साथ ही राज्यपाल ने भी राष्ट्रपति को रामदरबार की प्रतिमा भेंट में दी.
बता दें कि राष्ट्रपति ने मंगलवार को संकटमोचन मंदिर और तारादेवी मंदिर में पूजा-अर्चना करने के बाद शाम के समय मालरोड पर भी भ्रमण किया और ऐतिहासिक गेयटी थियेटर में सांस्कृतिक संध्या में शामिल हुईं.