बिलासपुर: हिमाचल प्रदेश में एक और कीर्तिमान जुड़ गया है. हिमाचल के बिलासपुर जिले में 6 साल के युवान ने दुनिया की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट के बेस कैंप पर तिरंगा लहरा है. युवान ने महज 6 साल की उम्र में जो किया है उसे करने से बड़े-बड़े अपने कदम पीछे खींच लेते हैं. युवान ने इस बेहद मुश्किल ट्रैकिंग को अपने पिता सुभाष चंद्र और मां दिव्या भारती के साथ मिलकर सफलतापूर्वक पूरा किया. माउंट एवरेस्ट बेस कैंप तक पहुंचने से पहले युवान ने 6 महीने तक की कड़ी ट्रेनिंग की थी.
युवान हिमाचल प्रदेश में जिला बिलासपुर के जुखाला से हैं परंतु वो फिलहाल अपने माता-पिता के संग दुबई में रहते हैं. युवान के इस कारनामे के बाद जुखाला क्षेत्र की दावीं घाटी में खुशी का माहौल है. उन्हें इस बात का गर्व हा है कि उनके क्षेत्र के बच्चे ने बेहद मुश्किल काम को मुमकिन करके दिखाया है.
युवान के पिता सुभाष चंद्र ने बताया कि हमारा सफर दुबई से शुरू हुआ था और हम सबसे पहले काठमांडू पहुंचे थे. जहां अपने कुछ साथियों के संग हमने काठमांडू के लुकला एयरपोर्ट तक की फ्लाइट ली थी. इसके बाद हमने एक गाइड के साथ 8 अप्रैल को एवरेस्ट बेसकैंप का सफर शुरू किया. हमने 11 दिन में ट्रैकिंग पूरी की, इस दौरान हमने 135 किलोमीटर का सफर तय किया. हमने कुल 8 दिन चढ़ाई की और गाइड के आदेश पर 2 दिन रेस्ट भी किया. इस सफर में युवान ने नेचर को काफी एन्जॉय किया और हमने उम्मीद है कि युवान के इस कदम से बच्चे नेचर के प्रति कनेक्ट होंगे.
उन्होंने बताया कि माउंट एवरेस्ट बेस कैंप तक पहुंचने का रास्ता भी बहुत मुश्किल है. यहां का तापमान और ऑक्सीजन की कमी इस ट्रैकिंग को और भी मुश्किल बनाता हैं. यहां ट्रैकिंग के लिए शारीरिक और मानसिक तौर पर बहुत मजबूती चाहिए होती है.
सुभाष चंद्र ने बताया कि वह हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर जिले के जुखाला क्षेत्र के सायर मुगरानी के रहने वाले हैं, लेकिन पिछले 8 सालों से वे अपने परिवार के साथ दुबई में रह रहे हैं. दुबई में वह एक निजी कंपनी में काम करते हैं. उनका बेटा युवान 6 साल का है और पहली कक्षा का छात्र है. सुभाष ने कहा कि इस ट्रैकिंग को लेकर उन्होंने युवान को बिना किसी आराम के 6 महीने तक हार्ड ट्रेनिंग ली. जिसके कारण युवान ने बिना किसी परेशानी के इस ट्रैकिंग को पूरा किया. युवान के पिता ने बताया कि उन्होंने युवान को 6 माहिने तक तैराकी, मार्शल आर्ट और दौड़ने की ट्रेनिंग करवाई. जिसके चलते अब युवान अच्छा ट्रैकर होने के साथ-साथ अच्छा तैराक, धावक और मार्शल आर्ट में माहिर बन रहा है.
बता दें कि माउंट एवरेस्ट की ऊंचाई करीब 8848 मीटर है. जबकि इसके बेस कैंप की ऊंचाई 17598 फीट (5,364 मीटर) है. इस लिहाज से यह दुनिया का सबसे ऊंचा बेस कैंप हैं. जहां माइनस 15 डिग्री के तापमान में ऑक्सीजन की कमी के कारण किसी की भी हालक खराब हो सकती है. इतनी ऊंचाई पर ट्रैकिंग करना अच्छे-अच्छे ट्रैकर्स के लिए भी बहुत मुश्किल साबित होता है. लेकिन 6 साल के युवान ने एवरेस्ट के बेस कैंप पर पहुंचकर तिरंगा फहराया है. जिसके बाद उसनकी तस्वीरें देखकर हर कोई इस कारनामे को सलाम कर रहा है.