शिमला: हिमाचल प्रदेश के तीनों निर्दलीय विधायकों के इस्तीफा मंजूर न होने के मामले में दायर याचिका पर गुरूवार को हिमाचल हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. दोनों पक्षों की तरफ़ से हाईकोर्ट में अपनी-अपनी दलीलें दी गई. इस मामले में लगभग तीन घंटे तक कोर्ट में बहस चली. इस दौरान विधानसभा अध्यक्ष की तरफ से सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने पैरवी की. मुख्य न्यायाधीश एम. रामचंद्र राव की अध्यक्षता वाली खंडपीठ इस मामले की सुनवाई कर रही है.
हाईकोर्ट के एडवोकेट जनरल अनूप रत्न ने बताया कि समय की कमी के चलते हाईकोर्ट ने मामले को अब 30 अप्रैल 4:15 बजे सुनने का निर्णय लिया है जिसमें विधानसभा अध्यक्ष की तरफ़ से बहस पुरी की जाएगी.
तीन निर्दलीय विधायक देहरा से होशियार सिंह, नालागढ़ से कृष्ण लाल ठाकुर और हमीरपुर से आशीष शर्मा ने विधानसभा अध्यक्ष द्वारा इस्तीफ़ा स्वीकार न होने पर हाईकोर्ट में याचिका दायर की है. अपनी याचिका में इन विधायकों ने 22 मार्च से उनका इस्तीफा स्वीकार करने की मांग की है. विधायकों का कहना है कि बिना किसी दबाव के उन्होंने इस्तीफा दिया है.
बता दें कि इस्तीफा मंजूर न होने पर तीनों निर्दलीय विधायक कुछ दिन पहले विधानसभा परिसर में धरना देकर अपना विरोध जाहिर कर चुके हैं. निर्दलीय विधायकों का आरोप है कि स्पीकर सरकार के दवाब में काम कर रहे हैं. तीनों निर्दलीय विधायक कई बार स्पष्ट कर चुके हैं कि इन्होंने बिना किसी दबाव के स्वेच्छा से अपने इस्तीफे दिए हैं और स्पीकर को ये तत्काल मंजूर कर लेने चाहिए.
दरअसल 27 फरवरी को हिमाचल की एकमात्र राज्यसभा सीट पर चुनाव के दौरान तीनों निर्दलीय विधायकों ने भाजपा उम्मीदवार हर्ष महाजन के पक्ष में मतदान किया था. हालांकि इससे पहले निर्दलीय विधायक राज्य की सत्तारूढ़ कांग्रेस सरकार को समर्थन दे रहे थे.
साभार- हिन्दुस्थान समाचार