कुल्लू: हिमाचल प्रदेश के लाहौल स्पीति के दुर्गम ग्यू गांव में पहला फोन पीएम मोदी का आया. उन्होंने गांव में पहली बार मोबाइल नेटवर्क आने के बाद वहां के शिक्षक दोर्जे से बातचीत की. जिसकी चर्चा हर तरफ की जा रही है.
पीएम ने शिक्षक से कहा कि दोर्जे जी कैसे हैं. आपके गांव में मोबाइल नेटवर्क आ गया. मैं जब दिवाली के वक्त आया था तो इस समस्या का पता लगा था. यहां बिना बताए आने पर भी लोगों ने खूब सम्मान किया था. गांव की माताओं को मोबाइल फोन का तो पता था परंतु नेटवर्क न होने की वजह से दिक्कत थी. अब नेटवर्क आने से गांव के लोग अपने परिचितों से बात कर पाएंगे.
ग्रामीण दोर्जे ने भी पीएम का ग्रामीणों की ओर से आभार व्यक्त करते हुए कहा कि इससे पूर्व हमें मोबाइल नेटवर्क के लिए आठ किलोमीटर दूर समदो जाना पड़ता था. हमें तो यकीन ही नहीं हो रहा कि हमारे गांव में मोबाइल नेटवर्क आ गया. आपके दौरे के बाद यहां पर मोबाइल टावर लगने और जमीन संबंधित प्रक्रिया सिर्फ 23 दिन में ही पूरी हो गई थी. वही, प्रधानमंत्री ने पूछा कि मोबाइल फोन नेटवर्क आने से क्या लाभ होगा. ग्रामीण दोर्जे ने कहा हम अपने बच्चों को और बेहतर जानकारी दे सकेंगे. जो इंटरनेट के माध्यम से मिल सकती है. हमारे रिश्तेदार जो घरों से दूर हैं, उनसे भी आसानी से बात हो पाएगी और इससे स्थानीय पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा.
गौरतलब है कि हिमाचल प्रदेश के जनजातीय जिला लाहौल स्पीति का दुर्गम ग्यू गांव में मोबाइल नेटवर्क आ गया है. लाहौल स्पीति जिले में 18,000 फीट की ऊंचाई पर स्थित गांव ग्यू में पहला फोन पीएम नरेंद्र मोदी ने किया. पीएम ने ग्रामीणों से वहां की समस्याओं के बारे में भी पूछा दोर्जे ने बताया कि अभी यहां तापमान माइनस चार से पांच डिग्री सेल्सियस है। मानसून में यहां सबसे ज्यादा दिक्कत आती है। कुछ समय पहले बारिश से 17 हेक्टेयर जमीन बह गई है.
प्रधानमंत्री ने कहा कि वर्ष 2014 में जब हमने सरकार बनाई थी तो यह लक्ष्य था कि हर गांव में बिजली और मोबाइल फोन नेटवर्क पहुंचाना है. वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम के तहत सीमांत क्षेत्रों में विकास को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने प्रयास किए हैं. पहले की सरकारों ने इन क्षेत्र को उनके भाग्य के भरोसे छोड़ दिय था. वे जनता के जीवन की सुगमता क प्राथमिकता देने के बाद उनके जीवन की गुणवत्ता पर ध्यान केंद्रित करेंगे. इससे दूर-दराज के क्षेत्रों, गरीबों व मध्यम वर्ग को लाभ होगा.