कुल्लू: मंडी लोकसभा सीट से कांग्रेस उम्मीदवार और कैबिनेट मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने अपने कुल्लू दौरे के दौरान एक बार फिर जयराम ठाकुर पर निशाना साधा है उन्होंने कहा है कि जयराम ठाकुर ने हिमाचल से जुड़े कोई काम नहीं करवाए क्योंकि वह दिल्ली जाकर प्रधानमंत्री मोदी को सिर्फ टोपी, माला और शॉल पहनाकर वापस आ जाते थे.
विक्रमादित्य सिंह मंडी सीट से अपनी जीत का बड़ा दावा कर रहे हैं. उनके अनुसार दिल्ली में हिमाचल प्रदेश की आवाज उठाने वाला कोई चाहिए. वो सिर्फ मंडी ही नहीं पूरे हिमाचल की आवाज और मुद्दों को केंद्र के समक्ष रखेंगे.
कांग्रेस उम्मीदवार विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि जयराम जी हिमाचल प्रदेश के मुद्दे केंद्र में नहीं उठाते है. वो जब भी पीएम मोदी जी के पास जाते हैं. उन्हें शॉल, टोपी, माला पहनाकर वापस लौट आते हैं. प्रधानमंत्री मोदी के सामने जयराम ठाकुर की जुबान नहीं खुलती है. किसी को तो हिमाचल का आइना दिल्ली में दिखाना पड़ेगा. हिमाचल की परिस्थिति, धरातल की हकीकत दिखानी पड़ेगी. प्रदेश की आवाज पहुंचानी पड़ेगी. बोलना पड़ेगा कि उस आवाज को सुनिये और उनपर अमल कीजिये, कार्य कीजिये. सिर्फ यहां आकर और सेपू बड़ी खाकर काम नहीं चलने वाला.
बता दें, सेपूबड़ी का जिक्र करके विक्रमादित्य सिंह ने एक तरह से प्रधानमंत्री मोदी पर भी चुटकी ली है. दरअसल, पीएम मोदी हिमाचल प्रदेश के प्रभारी रहे हैं और प्रदेश को अच्छी तरह से जानते हैं. वो अपने भाषणों में हिमाचल को अपना दूसरा घर बताते हैं और यहां के खान-पान से लेकर संस्कृति और प्राकृतिक खूबसूरती का भी जिक्र करते हैं. उन्होंने बहुत बार अपने भाषणों में सेपू बड़ी के स्वाद का भी जिक्र किया है.
विक्रमादित्य सिंह ने कहा हिमाचल की सड़कों से लेकर कर्मचारियों, इंफ्रास्ट्रक्चर से जुड़े कई मामले हैं जो केंद्र के सामने लोकसभा में उठाने पड़ेंगे वरना कोई नहीं सुनेगा. मैं हिमाचल के सभी मुद्दों को लोकसभा में उठाउंगा.
“2017 विधानसभा चुनाव से पहले हिमाचल के लिए 69 नेशनल हाइवे बनाने का ऐलान किया गया था. मंत्री बनकर मैं दिल्ली गया तो मैंने अधिकारियों से इन नेशनल हाइवे के बारे पूछा तो अधिकारियों ने कहा कि ये तो सिर्फ घोषणाएं हैं इसकी कोई अनुमति केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री से नहीं मिले हैं.”- विक्रमादित्य सिंह, कांग्रेस उम्मीदवार, मंडी लोकसभा सीट
विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि हिमाचल के लंबित पड़े मुद्दों को उठाने की अवश्यकता है. उन्होंने कहा कि हर राज्य को मिलने वाली रेवेन्यू डेफिशिएट ग्रांट हिमाचल प्रदेश को 12 हजार करोड़ मिलती थी जो अब केवल 2 हजार करोड़ रह गई है. 10 हजार करोड़ का नुकसान हुआ है. जीएसटी कलेक्शन में भी हिमाचल प्रदेश को नुकसान हुआ है. केंद्र से मिलने वाले फंड में भी कटौती आई है. उन्हेंने कहा कि इस तरह के मुद्दे और हिमाचल के हक की लड़ाई लड़ने वाला केंद्र में चाहिए. ये सब चीजें जब तक लोकसभा में नहीं उठाएंगे तब तक वो भी क्यों सुनेंगे.
कांग्रेस उम्मीदवार विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि मैं केंद्र में मंडी ही नहीं हिमाचल की आवाज उठाऊंगा.