मंडी: हिमाचल प्रदेश के जिला मंडी में सफाई ठेकेदार की बेटी ने अपने पहले प्रयास में ही संघ लोक सेवा आयोग यूपीएससी की परीक्षा पास की है. यह कीर्तिमान बल्ह घाटी की तरूणा कमल ने प्राप्त किया है. तरूणा की इस कामयाबी से न केवल मंडी का मान बढ़ा है, बल्कि हिमाचल प्रदेश का नाम भी पूरे देश रोशन हुआ है. तरूणा कमल बल्ह घाटी के रत्ती गांव की रहने वाली है. तरूणा ने यूपीएससी की परीक्षा में 203वां रैक प्राप्त किया है. तरूणा कमल के पिता का नाम अनिल है, जो की नेरचौक नगर परिषद में एक सफाई ठेकेदार है. उनकी इस कामायाबी से उनके घर में शुभकामनाएं देने वालों का तांता लगा हुआ है.
बता दें, तरूणा ने अपनी 12वीं कक्षा तक की पढ़ाई मॉडर्न पब्लिक स्कूल रत्ती से की है. इसके बाद उसने वेटरनरी डॉक्टर की ट्रेनिंग पूरी करने बाद चंडीगढ़ में कोचिंग लेकर यूपीएससी की तैयारी शुरू की. तरूणा ने पहली बार यूपीएससी की परीक्षा में भाग लिया और उन्हें अपने पहले ही प्रयास में कामयाबी मिली है. तरूणा के पिता ने कहा कि उनकी बेटी बचपन से ही पढ़ाई में होशियार थी और बड़ा अधिकारी बनना चाहती थी.
यूपीएससी परीक्षा पास करने के बाद बुधवार को तरूणा चंडीगढ से अपने घर रत्ती पहुंची. जहां तरूणा का उनके परिजनों, रिश्तेदारों और स्थानीय लोगों द्वारा ढोल नगाड़ों के साथ जोरदार स्वागत किया. तरूणा ने बताया कि यूपीएससी की तैयारी करते वक्त शुरू में मेडिकल की पढ़ाई बाधा भी बनी. परंतु माता-पिता और परिजनों का परीक्षा की तैयारी में पूरा सहयोग रहा, जिस कारण से वह आज इस मुकाम तक पहुंच पाई हैं.
तरूणा ने बताया कि गावं की लड़कियां आगे बढ़ने और बाहर निकलने से ड़रती हैं. लेकिन, लड़कियों को अपना सपना पूरा करने के लिए एक पहल करना जरूरी है. अपनी वेटरनरी डॉक्टर की पढ़ाई के दौरान ही उन्होंने कुछ बड़ा करने की ठानी और तैयारी शुरू कर दी. अपनी इस कामयाबी पर तरूणा ने कहा कि बड़ी सफलता प्राप्त करने के लिए परिश्रम ही एक मात्र माध्यम है. शॉर्टकट माध्यम से बड़ी कामयाबी हासिल नहीं की जा सकती है.
वहीं, अपनी लाडली बेटी की कामयाबी देख माता-पिता और परिजन गदगद नजर आए. मां नोर्मा देवी और दादा हेम सिंह कमल ने कहा कि उन्हें बहुत खुशी है कि उनकी बेटी ने इतना बड़ा मुकाम हासिल कर जिला और हिमाचल का नाम रोशन किया है.