शिमला: चैत्र नवरात्र की अष्टमी पर मंगलवार को राजधानी शिमला के देवी मंदिरों में दर्शन-पूजन के लिए भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ी. नवरात्रि के आठवें दिन भारी तादाद में श्रद्धालुओं ने नवदुर्गा के आठवें स्वरूप महागौरी की आराधना की. नवरात्र के पहले दिन और अष्टमी का व्रत रखने वाले श्रद्धालुओं ने घर व देवी मंदिरों पर हवन-पूजन कर परिवार की सुख-समृद्धि की कामना की.
शिमला के विभिन्न देवी मंदिरों में जय माता दी के उद्घोष से अल सुबह से मंदिरों में घण्टियां बजती रहीं और दर्शन करने को भक्तों की लंबी कतारें देखी गईं. देवी भक्तों ने अष्टमी के दिन कन्याओं को भोज कराया. अष्टमी का व्रत रखने वाले श्रद्धालओं ने देवी महागौरी की आराधना की. प्रमुख देवी मंदिरों कामना देवी, कालीबाड़ी, ढिंगू माता और ऐतिहासिक तारादेवी मंदिर में अष्टमी पर्व पर भक्तों की भारी भीड़ उमड़ी.
शिमला शहर से 20 किलोमीटर दूर चोटी पर स्थिर तारादेवी मंदिर के अल सुबह कपाट खुलते ही दर्शन के लिए श्रद्धालुओं का उमड़ना शुरू हो गया. मंदिर स्थल तक पहुंचने के लिए हिमाचल राज्य पथ परिवहन निगम की ओर से शिमला के पुराने बस अड्डे से अतिरिक्त बसों की व्यवस्था की गई है. अप्पर शिमला के रोहड़ू स्थित विख्यात हाटकोटी मंदिर में भी सुबह से भक्तों का तांता लगा है.
राज्यपाल ने कालीबाड़ी मंदिर में नवाया शीश
अष्टमी के उपलक्ष्य पर हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने ऐतिहासिक कालीबाड़ी मंदिर पहुंचकर पूजा अर्चना की. इस दौरान लेडी गवर्नर भी मौजूद रही.
राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने इस मौके कहा कि ये देवियों के पूजन का समय है. पहले बेटियों की भ्रूण हत्या कर दी जाती थी लेकिन आज देश ने बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का संकल्प लिया है, बेटियां आज हर क्षेत्र में आगे हैं. देवी ही महागौरी सरस्वती और महालक्ष्मी हैं. उन्होंने कहा कि भारत से जो शक्तियां चलती हैं वो वसुदेव कटुम्बकम के नाम से विश्व की रक्षा करें.
साभार- हिन्दुस्थान समाचार